आरयू ब्यूरो, लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की परीक्षा में गलत पूछे गए प्रश्न के उत्तर के एवज में अभ्यर्थियों ने सभी अभ्यर्थियों को अंक का लाभ देने की मांग की है। इस संबंध में अभ्यर्थियों ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को ज्ञापन सौंपा है।
अभ्यर्थी रामकुमार सिंह, महेश प्रसाद, नवीन कुमार व अन्य के अनुसार मामले में न्यायालय ने भी प्रश्न संख्या 143 के सभी विकल्पों को गलत माना है। साथ ही अभ्यर्थियों को इसके अंक देने के लिए कहा गया है। इसके बावजूद चर्चा है कि इसका लाभ सिर्फ उन्हीं अभ्यर्थियों को दिया जाएगा, जो उच्च न्यायालय में याची थे। ऐसा होगा तो अन्य अभ्यर्थियों के साथ ये अन्याय होगा। मांग की है कि प्रश्न के मूल्यांकन में समानता बरती जाए।
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बता दें कि छह जनवरी, 2019 को आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम से असंतुष्ट अभ्यर्थियों ने छह प्रश्नों को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमे एक प्रश्न ऐसा था जिसके चारों विकल्प गलत थे। इसके बाद हाई कोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को पांच प्रश्नों पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था।
कोर्ट ने उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करने का आदेश दिया था, जिन्होंने उस प्रश्न को सोल्व करने की कोशिश की थी। यहां पर शर्त थी कि अभ्यर्थियों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की हो और एक नंबर से फेल हो रहे हो।