फिर अटकी 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया, हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक के लिए लगाई रोक

शिक्षामित्र

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर अटक गई है। बुधवार से भर्ती को लेकर काउंसलिंग शुरू होनी थी, लेकिन अमिता त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब यूजीसी के अध्यक्ष से इस मामले में राय लेकर आगे फैसला लिया जाएगा। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अभ्यर्थी विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें। यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा।

यह फैसला न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने कई याचियों की याचिका पर एक साथ सुनवाई की। आदेश जस्टिस आलोक माथुर की बेंच ने दर्जनों याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करके जारी किया। इससे पहले हाई कोर्ट ने एक जून को अपना आदेश सुरक्षित किया था, जिसे आज सुनाया गया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को विवादित प्रश्नों पर अपनी आपत्ति एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही याचिकाकर्ताओं की आपत्तियों को यूपी सरकार यूजीसी को भेजेगी और यूजीसी आपत्तियों का निस्तारण करेगी।

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दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने सहायक शिक्षकों के घोषित रिजल्ट में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाए थे। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को अभ्यर्थी एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। सरकार आपत्तियों को निस्तारण के लिए यूजीसी को भेजे। हाई कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा। एक्सपर्ट का ओपिनियन आने के बाद अब आगे फैसला होगा।

याचियों ने घोषित परीक्षा परिणाम में कुछ प्रश्नों की सत्यता पर सवाल उठाया था। अदालत ने याचियों को विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। सरकार इन आपत्तियों को विश्व विद्यालय अनुदान आयोग को प्रेषित करेगी और अयोग इन आपत्तियों का निस्तारण करेगा। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह एवं अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा था जबकि विभिन्न याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एल पी मिश्र, एच जी एस परिहार, सुदीप सेठ आदि ने पक्ष रखा।

वही बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा 75 जिलों में काउंसलिंग प्रक्रिया रोक दी गई है। यूपी सरकार आज के आदेश के खिलाफ जल्द ही अपील करे। काउंसलिंग केंद्र पर भ्रम की स्थिति है, जहां दस्तावेजों के सत्यापन के बाद नियुक्ति पत्र एकत्र करने के लिए उम्मीदवार इकट्ठा है।

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