69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण को लेकर शिवपाल यादव ने की योगी सरकार से मांग

शिवपाल का तंज
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। योगी सरकार यूपी के सरकारी स्‍कूलों के लिए लंबे समय से अटकी 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को पूरी कराने की कोशिश कर रही है। वहीं शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को लेकर आए दिन कोई न कोई गड़बड़ी व लापरवाही सामने आ रही है। इन सबके बीच मंगलवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने योगी सरकार से मांग की है कि प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा विभाग में हो रही 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमावली का कठोरता से पालन होना चाहिए।

शिवपाल ने आज अपने एक बयान में कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत तथा पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत प्राप्तांक के आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा 69,000 पदों पर अंतिम रूप से मेरिट के आधार पर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए चयन होना चाहिए।

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प्रसपा अध्‍यक्ष ने आगे कहा कि आरक्षण नीति के अनुसार उच्च मेरिट वाले अभ्यर्थियों की गणना सामान्य श्रेणी में की जाती है, भले वह पिछड़े वर्ग या अनुसूचित वर्ग के हों। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में इस नियम की अवहेलना नहीं होनी चाहिए।

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साथ ही आज शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि कोई भी चयन प्रक्रिया अभ्यर्थियों के लिए सुलभ, पारदर्शी व निष्पक्ष होनी चाहिए। उन्‍होंने 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की बात को लेकर तर्क दिया कि, भर्ती प्रक्रिया को शुरू हुए दो वर्ष बीत चुके हैं, बहुत से अभ्यर्थियों के फोन नंबर, पते ईमेल आदि बदल गए हैं, ऐसे में उन्हें अपनी अद्यतन जानकारी के संशोधन का अवसर भी दिया जाना चाहिए।

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शिवपाल ने तर्क देते हुए योगी सरकार से कहा है कि परीक्षा संपन्न कराने वाली विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रश्‍न पत्रों से लेकर उत्‍तर कुंजिकाओं तक में गड़बड़ी होती है, और इन संस्थाओं को संशोधन का अवसर मिलता है। शिवपाल यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर संस्थाओं को संशोधन का अवसर दिया जाता है तो अभ्यर्थियों को क्यों नहीं अवसर दिया जा सकता।

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