69 हजार शिक्षक भर्ती के दलित-OBC अभ्‍यर्थियों ने शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन कर खुद को बताया मोदी का परिवार

शिक्षा मंत्री आवास प्रदर्शन
शिक्षा मंत्री के आवास पर प्रदर्शन करते अभ्‍यर्थी। (फोटो- आरयू)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। नियुक्ति के लिए छह सौ दिनों से ज्‍यादा समय से प्रदर्शन कर रहें 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत चयनित 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्‍यर्थियों ने आज शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरक्षण घोटाले का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की और योगी सरकार में बैठे दलित व ओबीसी मंत्रियों के प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की।

प्रदेशभर से जुटे अभ्‍यर्थियों की जानकारी लगते ही पुलिस बल शिक्षा मंत्री के आवास पहुंचा और उन्‍हें हटाने की कोशिश करने लगा। काफी देर बाद तक जब बात नहीं बनी तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन वाहनों में भरकर ईको गार्डेन पहुंचाया।

नियुक्ति के लिए करीब 630 दिनों से प्रदर्शन कर रहें अभ्‍यर्थियों के हाथों में आज तख्‍ती थीं, जिसपर उन्‍होंने भी खुद को मोदी का परिवार बताते हुए न्‍याय की गुहार लगाने वाले भी नारे लिखे थे।

69 हजार शिक्षक भर्ती में 6800 आरक्षित पदों को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि 6800 आरक्षित पदों पर विसंगतियां हुई हैं। इसे लेकर सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने भी चिंता जाहिर की थी।  साथ ही संबंधित को इसमें जांच के आदेश देकर नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। अभ्यर्थियों का कहना है इसके बावजूद भी न तो कोई अधिकारी सुन रहा है और न ही शिक्षा मंत्री इस पर गौर कर रहे हैं।

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शिक्षा मंत्री ने मीटिंग में जो वादे किए थे, उसके मुताबिक सरकार के वकील कोर्ट में पक्ष नहीं रख रहें, बल्कि आरक्षित अभ्यर्थियों का विरोध कर रहे हैं। इसी बात से नाराज अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री आवास का घेराव कर रहे हैं। अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने मीडिया से कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई। जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया।

इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश अधिकारियों को दिया था। जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है।

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