आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य करने और उसकी वीडियोग्राफी वाले योगी सरकार के आदेश का 15 अगस्त के बाद भी विरोध हो रहा है। आज राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने पार्टी कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में योगी सरकार पर जमकर निशाना साधने के साथ ही राष्ट्रगान वाले आदेश को तुगलकी फरमान बताया है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस तरह के आदेश किसी के ऊपर जबरदस्ती नहीं थोपे जाते हैं। मुसलमान देश से प्यार करते थे और करते रहेंगे, लेकिन डंडे के दम पर उनसे कोई इसका सबूत मांगे तो यह सरासर गलत है। सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार सिर्फ मदरसों की ही वीडियोग्राफी कराना चाहती है। सच तो यह है कि देश के मुसलमानों को शक की नजर से देखकर फैसले किए जा रहे है जो गलत हैं।
गोरखपुर में हुआ जघन्य हत्याकांड
वही बीआरडी हादसे पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते करीब 70 बच्चों की मौत हो गई। मांओं की गोद सूनी कर दी गई। इसको कोई घटना नहीं बल्कि जघन्य हत्याकाण्ड का कहा जाना चाहिए। साथ ही योगी सरकार की असफलता का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। इस हत्याकांड की सच्चाई पता करने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
महिलाओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह से फेल है योगी सरकार
बढ़ रही अपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए मसूद अहमद ने कहा कि योगी सरकार कानून- व्यवस्था खासकर महिलाओं की सुरक्षा करने में पूरी तरह से फेल है। आज प्रदेश का किसान, मजदूर, गरीब एवं आम जन त्राहि-त्राहि कर रहा है और युवा वर्ग रोजगार की तलाश कर रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एकाएक 1,42,000 शिक्षक बेरोजगार हो गए है और उनके विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में लगभग अनाथ हो गए हैं, परन्तु सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
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नौतिकता के आधार पर कुर्सी छोड़े योगी
इन परिस्थितियों के बाद भी प्रदेश सरकार के नुमाइंदों के भाषणों से न सिर्फ समाज में भय का वातावरण तैयार हो रहा है बल्कि साम्प्रदायिकता की भावना का उन्माद भी हर दिन बढ़ रहा है। यह देश के लोकतंत्र के लिए सही संदेश नहीं है। वर्तमान हालात को देखते हुए यह साफ हो जाता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री न सिर्फ अनुभवहीन हैं बल्कि दिशाहीन भी हैं। इसलिए योगी आदित्यनाथ को नैतिकता के आधार यूपी का भला न कर पाने के लक्षणों को देखते हुए त्याग पत्र दे देना चाहिए। इसके साथ ही स्व0 लाल बहादुर शास्त्री के परिवार से संबंध रखने वाले स्वास्थ्य मंत्री सिर्द्धानाथ सिंह को स्वास्थ्य विभाग में इतना बड़ा काण्ड हो जाने के चलते लाल बहादुर शास्त्री के ही आदर्शों पर चलते हुए अपना पद छोड़ देना चाहिए।
प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से वरिष्ठ नेता हाजी वसीम हैदर, प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी, बीएल प्रेमी, रमावती तिवारी, महबूब आलम भी मौजूद रहे।