आरयू वेब टीम। विज्ञापन विवाद में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। डायरेक्टोरेट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी ने आम आदमी पार्टी को 164 करोड़ रुपये जमा करने का नोटिस जारी किया है। आप को ये रकम दस दिन में जमा करनी होगी नहीं तो कानूनी कार्रवाई होगी। दरअसल आम आदमी पार्टी पर सरकारी विज्ञापन की आड़ में राजनीतिक विज्ञापन देने का आरोप है।
दिल्ली सरकार के सूचना और प्रसारण विभाग ने आम आदमी पार्टी को दस दिन के अंदर 163.61 करोड़ रुपए सरकार के खाते में जमा करने का नोटिस दिया है। जोकि सरकारी विज्ञापन के नाम पर पार्टी के विज्ञापन पर जो पैसे खर्च किए गए उसे वापस करने को लेकर विभाग ने ये नोटिस दिया है। इतना ही नहीं अगर दस दिन के अंदर आम आदमी पार्टी ये पैसे जमा नहीं करेगी तो उसपर कानूनी कार्रवाई होगी।
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आप से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था, जिसके एक महीने बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है।
सूत्रों ने कहा कि सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) द्वारा जारी वसूली नोटिस में राशि पर लगा ब्याज भी शामिल है और दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के लिए 10 दिन के अंदर पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है। एक सूत्र ने कहा, “अगर आप संयोजक ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो दिल्ली के उपराज्यपाल के पिछले आदेश के अनुसार समयबद्ध तरीके से सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें पार्टी की संपत्तियां कुर्क किया जाना भी शामिल है।”
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बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने विज्ञापनों पर खर्च की गई रकम की जांच के लिए अगस्त 2016 में 3 मेंबर्स की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने 16 सितंबर 2016 को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें आम आदमी पार्टी को दोषी पाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर 2016 से अब तक दिल्ली सरकार के सभी विज्ञापनों की एक्सपर्ट कमेटी ने जांच की, जिसके बाद वसूली का नोटिस जारी हुआ है।
जून 2022 में विपक्ष ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने एक महीने में विज्ञापनों पर 24 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। इस जानकारी को जुटाने के लिए सूचना का अधिकार (आरटीआइ) का हवाला दिया गया। विपक्षी दलों का कहना था कि राज्य का खजाना भरने के दावे करके सत्ता में आई आम आदमी पार्टी खुद ही इसे खाली करने में जुटी है।