आरयू ब्यूरो,
लखनऊ/वाराणसी। वाराणसी के बीएचयू में हुए बवाल के मामले में लोगों की आशंका के अनुरूप बीएचयू प्रशासन ही जिम्मेदार निकला। मामले की जांच करने के बाद वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकार्ण ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में सीधे तौर पर बीएचयू प्रशासन को घटना के लिए जिम्मेदार बताया है। जानकार बताते है कि रिपोर्ट के आधार पर अगर कार्रवाई हुई तो बीएचयू के वीसी पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बीएचयू प्रशासन ने संवेदनशील तरीके से इस मामले को काबू नहीं किया, समय पर सही फैसले नहीं लिए, इसलिए ये हालात पैदा हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि छात्राओं के प्रदर्शन के पहले ही दिन अगर कुलपति ने छात्राओं से बात कर ली होती तो हालात नहीं बिगड़ते।
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वहीं रिपोर्ट में छात्राओं की लगभग सभी मांगों के बारे में बताया गया है कि यह मांगे ऐसी नहीं थी जो गलत हो या फिर जिन्हें बीएचयू प्रशासन द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर बिगड़तें हालात के बीच जिला पुलिस व प्रशासन के भी त्वरित और सही कार्रवाई नहीं करने की बात कही गई है।
प्रधानमंत्री का रूट बदल गया, लेकिन सोता रहा बीएचयू प्रशासन
हालांकि जानकार बताते है कि यह सब काम बीएचयू प्रशासन को पहले ही कर लेना चाहिए था, लेकिन बीएचयू प्रशासन गहरी नींद में सोता रहा। यहां तक कि छात्राओं के प्रदर्शन के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूट बदलने के बाद भी वह नहीं जागा और उसके अगले दिन बवाल हो गया। वहीं पीएम मोदी के रूट बदलने की बात सोचकर ही वाराणसी पुलिस और जिला प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए थे।
दूसरी ओर तानाशाही रवैया अपनाने के लिए पहचाने जाने वाला बीएचयू प्रशासन बवाल के बाद कार्रवाई के डर से फास्ट हो गया है। प्रशासन ने विश्वविद्यालय में 65 और संवेदनशील स्थलों को चिन्हित किया है, जहां सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे। प्रथम चरण में बीएचयू के द्वार और महिला छात्रावास पर इन्हें लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सुरक्षा तंत्र में महिला सुरक्षार्किमयों को भी शामिल किया जा रहा है।
वहीं अर्न व्हाइल लर्न की योजना के अंतर्गत शारीरिक शिक्षा विभाग एवं स्पोर्ट्स बोर्ड की सीनियर छात्राओं को महिला छात्रावासों की सुरक्षा व्यवस्था में लगाया जा रहा है। महिला छात्रावासों में महिला सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने का निर्देश दिया गया है।
महिला छात्रावासों के आसपास के मार्गों पर वाहनों के प्रतिबंधात्मक प्रवेश की व्यवस्था होगी। खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक करा कर अतिरिक्त स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। सुव्यवस्थित सुरक्षा योजना बनाई जा रही है, जिसमें सुझाव के लिए वरिष्ठ छात्राओं को शामिल किया जाएगा। महिला छात्रावासों के स्तर पर छात्राओं के प्रतिनिधि को भी शामिल किए जाने का निर्णय लिए जाने की बात कही जा रही है।