आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट से बहुबलि मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को राहत मिली है। हाई कोर्ट ने मऊ पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट को रद्द कर दिया है। जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने मऊ पुलिस की चार्जशीट को रद्द करने का फैसला सुनाया। अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जुलूस निकाला था। जुलूस में सौ चार पहिया और दो पहिया वाहन शामिल थे। अब्बास अंसारी पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला मऊ की कोतवाली में दर्ज हुआ था।
एसआई आदर्श श्रीवास्तव ने दस मार्च 2022 को आइपीसी की धारा 171 एच, 188, 341 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में अब्बास अंसारी, भाई उमर अंसारी मंसूर अंसारी, शाहिद लारी, शाकिर लारी उर्फ शकील और अज्ञात लोग आरोपित बनाए गए। 27 जुलाई को याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिका में पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की मांग की गई थी।
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने एफआइआर रद्द करने का विरोध किया था। अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने अब्बास अंसारी की ओर से अदालत में पैरवी की थी। बहस पूरी होने के बाद जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक हैं।
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लोकसभा चुनाव से पहले ओम प्रकाश राजभर ने पाला बदलकर एनडीए का दामन थाम लिया है। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सुभासपा का समाजवादी पार्टी से गठबंधन था। अब ओम प्रकाश राजभर सपा मुखिया अखिलेश यादव पर हमलावर हैं। घोसी उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के बाद ओम प्रकाश राजभर का मंत्रीपद पाना मुश्किल लग रहा है।