जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की एकाएक मौत, दो दिन पहले भाई अफजाल ने जताई थी हत्‍या की आशंका

मुख्तार अंसारी
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात अचानक फिर तबीयत बिगड़ गई। कहा जा रहा जिसकी जानकारी लगते ही जेल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। जिसके बाद डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी अंकुर अग्रवाल भारी फोर्स के साथ अचानक मंडल कारागार पहुंचे और मुख्तार अंसारी को एम्बुलेंस से दोबारा रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां डॉक्‍टरों ने कुछ समय बाद उन्‍हें मृत घोषित कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्तार अंसारी अपनी बैरक में अचानक बेहोश हो गए थे। मुख्तार की ऐसी हालत देख जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। मुख्तार को इलाज के लिए अस्पताल भिजवाया गया है। अस्पताल में डाक्टरों द्वारा मुख्तार की जांच के बाद उन्‍हें मृत घोषित कर दिया गया। दो दिन पहले ही मुख्‍तार अंसारी के भाई व सांसद अफजाल अंसारी ने मुख्‍तार की जेल में हत्‍या कराए जाने की आशंका जताई थी। उनका कहना था कि कुछ माफियों को बचाने के लिए उनके भाई की हत्‍या की साजिश रची जा रही है। उन्‍हें दो बार जेल के खाने में जहरीला पदार्थ भी दिया जा चुका है, जिसके चलते उनकी तबियत काफी गंभीर हो गयी है।

जेल कर्मियों ने पहुंचाया मेडिकल कॉलेज

वहीं आज मुख्‍तार अंसारी की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज की ओर से देर रात बयान जारी कर कहा गया है कि आज शाम करीब आठ बजकर 25 मिनट पर मुख्‍तार अंसारी (63 वर्ष) को जेल कर्मी रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज बांदा के आकस्मिक विभाग में उल्टी की शिकायत व बेहोशी की हालत में लाए थे।

नौ डॉक्‍टरों ने की कोशिश, कॉर्डियक अरेस्‍ट से हुई मौत

साथ ही मेडिकल कॉलेज की ओर से यह भी दावा किया गया है कि मुख्‍तार अंसारी को तत्‍काल नौ डॉक्‍टरों की टीम ने चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी, लेकिन भरसक प्रयासों के बावजूद कॉर्डियक अरेस्‍ट के कारण उनकी मौत हो गई। हालांकि पोस्‍टमॉर्टम होने व उसकी रिपोर्ट आने से पहले कॉर्डियक अरेस्‍ट से मौत होने की बात पर सवाल उठने लगें हैं।

दूसरी ओर रात करीब 11 बजे मुख्‍तार अंसारी की सूचना बाहर आने पर उनके परिवार के लोग गाजीपुर से बांदा के लिए रवाना हो चुके थे। वहीं मुख्‍तार अंसारी के समर्थकों की भीड़ उनके घर के बाहर जुट गई थी।

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बता दें कि हाल ही में मुख्तार की तबियत काफी खराब हुई थी। मुख्तार को 26 मार्च को तड़के पेट दर्द की शिकायत पर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। डॉक्टरों की टीम ने ओवर ईटिंग बताई थी और करीब 14 घंटे बाद ही वापस बांदा की मंडल कारागार भेज दिया था। मेडिकल कॉलेज में माफिया के परिजनों ने प्रदेश सरकार व जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।

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