आरयू वेब टीम। सोमवार से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने देश की संसदीय यात्रा के बारे में उच्च सदन में चर्चा में हिस्सा लिया। इस बीच, राज्यसभा में बोलते हुए नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू जी संसद में सभी की बातें ध्यान से सुनते थे, लेकिन यहां तो प्रधानमंत्री आते ही नहीं। साथ ही हुए कहा कि ‘‘संसद में प्रधानमंत्री साहब कभी-कभार आते हैं और जब आते हैं तो इवेंट बनकर चले जाते हैं।
नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मणिपुर में तीन महीने से दंगे हो रहें, लोगों के घर जल रहे हैं… इसके बारे में एक बयान देने के लिए मांग की गई थी, वह भी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री देश के कोने-कोने में जाते हैं, लेकिन मणिपुर क्यों नहीं जाते ? प्रधानमंत्री को मणिपुर जाना चाहिए था। वहां के लोगों के दुख-दर्द को देखना था। यह अच्छा नहीं है।”
महंगाई-बेरोजगारी पर ध्यान देने की…
नेता प्रतिपक्ष ने जी20 को लेकर केंद्र सरकार तंज कसा। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि हम महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय जी2 के बारे में बात करने में व्यस्त हैं। हालांकि, जब खड़गे ने जी-20 को जी-2 कहा तब इस बात पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ये जी-20 है। जिसका जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जीरो कमल से ढका हुआ है। नेता विपक्ष खरगे ने कहा, “जी-20 का जो विज्ञापन है, उसमें जी-20 की जगह जी-2 ही दिखता है क्योंकि, इसमें जीरो कमल से ढका हुआ है।” वहीं, खरगे के जवाब में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि खड़गे जी यह आपके स्तर का नहीं है।
वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर एक ‘मजबूत विपक्ष’ को केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल के जरिए कमजोर करने का आरोप लगाया और साथ ही यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा कि वह ‘कभी-कभार’ संसद में आते हैं और जब आते भी हैं तो उसे ‘इवेंट’ बनाकर चले जाते हैं। देश की संसदीय यात्रा के बारे में उच्च सदन में चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान किए गए विभिन्न कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने 70 सालों में लोकतंत्र को मजबूत किया और भारत को मजबूत बनाने की नींव डाली।
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इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने जवाहरलाल नेहरू की कार्यशैली का भी जिक्र कर कहा कि एक तरफ वह जहां सभी को साथ लेकर चलते थे वहीं आज के प्रधानमंत्री ‘हमारी छाया’ भी नहीं देखना चाहते। उन्होंने कहा, ‘‘नेहरू जी प्रमुख मुद्दों पर सभी से बात करते थे। विपक्ष के साथियों से भी बात करते थे, सबकी राय लिया करते थे, लेकिन आज होता क्या है? हमारी बात सुनने को कोई नहीं आता।”
खरगे ने कहा, ‘‘नेहरू जी मानते थे कि मजबूत विपक्ष ना होने का अर्थ है कि व्यवस्था में महत्वपूर्ण खामियां हैं। अगर मजबूत विपक्ष नहीं है तो वह ठीक नहीं है। आज, जबकि एक मजबूत विपक्ष है तो ध्यान इस बात पर है कि उसे ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआइ (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो)…से कमजोर कैसे करना है… उन्हें साथ ले लेना (अपनी पार्टी में शामिल करना) और फिर वाशिंग मशीन में डालना…जब वे धुल जाते हैं तो उन्हें स्थायी बना लेना (अपनी पार्टी में)।”