नए संसद में PM मोदी ने किया महिला आरक्षण का ऐलान, ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ का दिया नाम

नारी शक्ति वंदन अधिनियम
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के विषय में बताते केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल।

आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों के साथ पुराने संसद भवन, जिसे अब ‘संविधान भवन’ के नाम से जाना जाएगा, वहां से लोकसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि इस पावन दिवस पर हमारा ये शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की ओर एक नए विश्वास के साथ यात्रा आरंभ करने का है। नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही शुरू हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने नए संसद में महिला आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण को “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” का नाम दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में ऐसे पत्थर के मील आते हैं, जब वो गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कई नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में वो बड़े विश्वास और गर्व से कह रहे हैं कि आज का ये पल, आज का ये दिवस इतिहास में नाम दर्ज कराने वाला है। उन्होंने कहा कि सिर्फ महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को अगर प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये आवश्यक है कि ‘वुमन लीड डेवलपमेंट ’ को हम बल दें।

महिला आरक्षण बिल के मसौदे के मुताबिक, महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण रोटेशनल तौर पर लागू होगा। इस बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ रखा गया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया है कि बिल की अवधि 15 साल की होगी। लोकसभा में आज कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया है।

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कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि महिला आरक्षण बिल की अवधि 15 साल होगी, हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। मेघवाल ने कहा कि इस अधिनियम के पास होने के बाद लोकसभा में महिला सीटों की संख्या 181 हो जाएंगी। लोकसभा में फिलहाल महिला सांसदों की संख्या 82 है।

बिल के मसौदे के मुताबिक, संसद और दिल्ली सहित सभी विधानासभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए सुरक्षित होंगी। बड़ी बात ये है कि एससी-एसटी वर्ग के लिए कोटा के अंदर कोटा लागू होगा। इसका मतलब है कि 33 फीसदी आरक्षण के अंदर एससी-एसटी में शामिल जातियों को भी आरक्षण की व्यवस्था होगी। बिल के मसौदे में कहा गया है डिलीमिटेशन के बाद ही आरक्षण लागू होगा। बिल के मसौदे के मुताबिक, डिलिमिटेशन के लिए एक कमीशन बनाया जाएगा। डिलिमिटेशन के बाद करीब 30 फीसदी सीट बढ़ जाएंगी। डिलिमिटेशन संसद और विधानसभा दोनों के लिए होगा।

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