आरयू इंटरनेशनल डेस्क। अभी तक इस्राइल-हमास युद्ध के बीच कुछ ही मुस्लिम देश खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे थे। वहीं गाजा के एक अस्पताल पर हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। इस हमले के कारण ‘इस्राइल को अपनी रक्षा के अधिकार’ के लिए समर्थन जुटाने के अमेरिका के राजनयिक प्रयासों को पटरी से उतार दिया है। जॉर्डन के अम्मान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अरब नेताओं के शिखर सम्मेलन को रद्द कर दिया गया है।
बाइडन इस्राइल के प्रति समर्थन और एकजुटता जताने के लिए आज तेल अवीव पहुंच रहे हैं। तो दूसरी ओर गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल पर हुए घातक हमले के बाद सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। इस हमले के बाद सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की ने भी इस्राइल पर गाजा शहर में अल-अहली अरब अस्पताल पर बमबारी करने का आरोप लगाया है।
हालांकि, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के लिए हमास के लोगों को जिम्मेदार ठहराया। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने घोषणा की कि बुधवार को अम्मान में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ होने वाली शिखर बैठक रद्द कर दी गई है।
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बता दें कि गाजा शहर के अल-अहली अरब अस्पताल में मंगलवार को हुए धमाके के तुरंत के बाद हमास ने इस्राइली सेना के हवाई हमले को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद इस्राइली सेना ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि इस्लामिक जिहाद समूह के गलत रॉकेट लॉन्च के कारण विस्फोट हुआ।
हमास नेता इस्माइल हनिया ने बयान में इस हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि अमेरिका के समर्थन के कारण इस्राइल आक्रामक रवैया दिखा रहा है। हनिया ने कहा, अस्पताल में हुआ नरसंहार दुश्मन की क्रूरता और उसकी हार के डर की पुष्टि करता है। उसने सभी फलस्तीनी लोगों से गाजा पर कब्जे के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।