आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दीपावली, गोवर्धन पूजा, छठ व क्रिसमस समेत आगामी त्योहारों को देखते हुए धारा 144 लागू की गई है। इस संबंध में लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त उपेंद्र अग्रवाल ने गाइडलाइन जारी करते हुए 31 दिसंबर 2023 तक धारा 144 लागू करने के निर्देश जारी किए है। जिसके तहत मंदिर-मस्जिद में लगे लाउड स्पीकरों को नियमानुसार ही बजने दिया जाएगा, जबकि किसी भी प्रकार के जुलूस की इजाजत नहीं होगी और उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाए।
जेसीपी उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ‘दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ और क्रिसमस पर बड़े आयोजन होते हैं। साथ ही कई प्रतियोगी परीक्षाएं भी आयोजित होनी हैं। इसे देखते हुए 31 दिसंबर तक के लिए धारा 144 बढ़ाई गई है। निषेधाज्ञा के दौरान जुलूस, रैली जैसी गतिविधियों के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी। सार्वजनिक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्ति एक साथ इकट्ठा नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही आदेश में कहा गया है कि मंदिर-मस्जिद में लगे लाउड स्पीकर नियमानुसार ही सुबह छह बजे से रात दस बजे तक ही बजाए जाएं।
इसके अलावा धार्मिक स्थलों व धार्मिक संस्थानों में कोविड हेल्प स्थापित कर मास्क का प्रयोग कराया जाए। विधानसभा के आस-पास एक किलोमीटर के दायरे में ट्रैक्टर-ट्राॅली, बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी, ज्वलनशील पदार्थ, सिलेंडर, घातक पदार्थ, हथियार आदि लेकर आवागमन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित रहेगा। इस परिधि में किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित होंगे। इस प्रकार के वाहनों व वस्तुओं के प्रवेश तथा धरना-प्रदर्शन किये जाने पर धारा-144 सीआरपीसी का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाए।
ऐसा नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई
– सरकारी दफ्तरों व विधानसभा भवन के ऊपर व आस-पास एक किमी के दायरे में ड्रोन से शूटिंग करना पूरी तरह से प्रतिबन्धित होगा। अन्य स्थानों पर भी पुलिस आयुक्त या फिर संयुक्त पुलिस आयुक्त की अनुमति के बिना किसी प्रकार के ड्रोन कैमरे से शूटिंग या फोटोग्राफी नहीं की जायेगी।
– कोई भी व्यक्ति पुलिस आयुक्त लखनऊ, संयुक्त पुलिस आयुक्त, पुलिस उपायुक्तों की अनुमति प्राप्त किये बिना न तो पांच या इससे अधिक व्यक्तियों का किसी प्रकार का कोई जुलूस निकालेगा, न ही सार्वजनिक स्थान पर पांच या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह बनाएगा और न ही ऐसे किसी समूह में सम्मिलित होगा।
– कोई भी व्यक्ति मास बिना पहने घूमने, सार्वजनिक स्थानों पर उपस्थित व सार्वजनिक स्थानों में थूकने पर नियमानुसार विधिक कार्यवाई करते हुए जुर्माना वसूला जाएगा।
– किसी धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल, जुलूसों, अन्य आयोजनों पर लाउड स्पीकर की ध्वनि की तीव्रता के सम्बन्ध में ध्वनि प्रदूषण (विनिमय और नियंत्रण), नियम-2000 यथा संशोधित के प्राविधानों का अनुपालन आवश्यक होगा। सर्वोच्च न्यायालय के ध्वनि के सम्बन्ध में दिये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक होगा। जबकि ऐसी स्थिति में अनुमति पुलिस आयुक्त या संयुक्त पुलिस आयुक्त (अधोहस्ताक्षरी) या पुलिस उपायुक्त जोन से लेनी होगी।
– कोई भी लखनऊ कमिश्नरेट की सीमा के अन्दर लाठी, डंडा (अंधे व अपाहिज व्यक्तियों तथा सिख धर्म द्वारा रखे जाने वाले कृपाण को छोड़कर), तेज धार वाले चाकू तथा नुकीले शस्त्र जैसे- तलवार, बरछी, गुप्तियां, कटार, फरसा, संगीन, त्रिशूल अथवा अग्नेयास्त्र, ज्वलनशील पदार्थ, घातक हथियार आदि लेकर नहीं चलेगा और न ही किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शित करेगा। ड्यूटीरत पुलिस कर्मी या अर्द्ध सैनिक बल पर ये प्रतिबन्ध लागू नहीं होंगे।
– कोई भी व्यक्ति एक दूसरे के धर्म ग्रन्थों का अपमान नहीं करेगा। धार्मिक स्थानों, दीवारों आदि पर किसी प्रकार के धार्मिक झंडे, बैनर, पोस्टर आदि नही लगायेगा और न ही किसी को इस कार्य में सहयोग प्रदान करेगा।
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– कोई व्यक्ति किसी खुले स्थान पर अथवा मकानों की छतों पर ईंट, पत्थर, सोडावाटर की बोतल, ज्वलनशील पदार्थ अथवा कोई विस्फोटक सामग्री जमा नहीं करेगा और न रखेगा, जिसका प्रयोग आतंक उत्पन्न करने अथवा किसी हिंसात्मक गतिविधियों में किया जा सके।
– लखनऊ कमिश्नरेट क्षेत्र की सीमा के अन्दर कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई अनुचित मुद्रण/प्रकाशन जिससे साम्प्रदायिक तनाव अथवा समुदायों के बीच वैमनस्य उत्पन्न हो, नहीं करेगा।
– कोई भी व्यक्ति ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी, कर्मचारी, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, सफाईकर्मी के साथ अभद्रता अथवा मारपीट करता है तो उसके विरुद्ध विधिपूर्ण कार्रवाई की जायेगी।