आरयू वेब टीम। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबा) महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच करेगी। उन्होंने बताया कि उनकी शिकायत पर लोकपाल ने ये आदेश दिया है।
निशिकांत दुबे के पोस्ट के बाद महुआ ने भी एक्स पर जवाब दिया कि ‘मीडिया को मेरा जवाब… पहला, सीबीआइ को सबसे पहले 13,000 करोड़ रुपये के अडाणी कोयला घोटाले पर एफआइआर दर्ज करनी चाहिए। दूसरा, राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआइ स्वामित्व वाली (चीनी और यूएई सहित) अडाणी कंपनियां गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही हैं। इसके बाद सीबीआइ आकर मेरे जूते गिन सकती है।’
ये है पूरा मामला?
दुबे ने महुआ पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगाया है।आरोप है कि महुआ ने हीरानंदानी को अपना लोकसभा का आईडी और पासवर्ड दे दिया था, जिसके जरिए हीरानंदानी अडाणी समूह के खिलाफ सवाल पूछते थे।निशिकांत ने महुआ के पूर्व प्रेमी जय अनंत देहाद्रई से मिले पत्र के आधार पर ये आरोप लगाए हैं।
महुआ पर लगे आरोपों की जांच लोकसभा की आचार संहिता समिति कर रही है।2 नवंबर को समिति ने महुआ को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन महुआ बैठक को बीच में छोड़कर ही चली गईं।उन्होंने समिति पर निजी और अनैतिक सवाल पूछने के आरोप लगाए।इसके बाद समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि महुआ ने जांच में सहयोग नहीं किया, बल्कि सवालों से बचने के लिए गुस्से में बात करने लगीं।