आरयू ब्यूरो, लखनऊ। केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के मुखिया रामदास आठवले सोमवार को लखनऊ में थे। इस दौरान उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती को आरपीआई में आने का ऑफर दिया। उनका कहना है कि बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के सपनों को साकार करने के लिए मायावती साथ आएं, तो हम उन्हें रिपब्लिकन पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को भी तैयार हैं।
साथ आठवले ने यूपी में दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की दावेदारी भी पेश की है। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में वह जल्दी ही भाजपा के शीर्ष नेताओं से बात कर आग्रह करेंगे कि यूपी की जिन सीटों पर भाजपा अभी तक चुनाव नहीं जीती है, उनमें से दो सीटों आरपीआइ को चुनाव लड़ने के लिए देने पर विचार करें। आरपीआइ वह दोनों सीटें जीत कर भाजपा की झोली में डाल देगी।
संभल-जौनपुर लोकसभा सीट की जताई इच्छा
आज वीवीआइपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुये रामदास आठवले ने कहा कि आरपीआई संभल और जौनपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। यह वो सीटें हैं, जहां भाजपा कभी भी चुनाव नहीं जीती है। रामदास आठवले ने कहा कि हम चाहते हैं कि भाजपा हमे ये सीटे चुनाव लड़ने के लिए दे। भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से दोनों दलों का फायदा होगा।
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ये सीटे हासिल करने के लिए रामदास सूबे के मुख्यमंत्री योगी और भाजपा के शीर्ष नेताओं से जल्दी ही मुलाकात करेगे। उन्होंने यह दावा भी किया है कि आरपीआई सिर्फ एससी, एसटी ही नहीं समाज के हर वर्ग को लेकर आगे बढ़ने में विश्वास रखती है।
इंडिया गठबंधन में बचेगी कांग्रेस
अठवाले ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन से एक-एक कर लोग बाहर जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कह दी है। बिहार में नीतीश कुमार भी देश-हित में एनडीए में वापस आ गए हैं। ऐसा लगता है, सिर्फ कांग्रेस ही इंडिया गठबंधन में बचेगी और आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की 30 सीटें ही जीत पाएगी।
चार मार्च को लखनऊ में एक बड़ा सम्मेलन…
आरपीआइ आगामी चार मार्च को लखनऊ में एक बड़ा सम्मेलन का आयोजन करेगी, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को बुलाया जाएगा। इतना ही नहीं रामदास आठवले और उनकी पार्टी लंबे समय से यूपी में अपनी जड़े जमाने का प्रयास कर रही है। लखनऊ सहित सूबे के कई जिलों में आरपीआई के पदाधिकारी जनता के बीच सक्रिय रहते हैं, लेकिन अभी तक यूपी की विधानसभा में उनका कोई नेता विधायक बनकर पहुंचा नहीं है।