आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नियुक्ति पत्र पर रोक लगाने से नाराज नव चयनित लेखपालों ने राजधानी लखनऊ में राजस्व परिषद मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में लेखपाल भर्ती के अभ्यर्थी पहुंचे हैं और नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर प्रदर्शन में भाग लाया। इस दौरान अभ्यर्थियों को शांत कराने के लिए मौके पर अधिकारी भी मौजूद रहे, लेकिन अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर अड़े हुए है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि लेखपाल भर्ती परीक्षा का परिमाण घोषित होने के बाद छह जनवरी 2024 को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने राजस्व परिषद को चयनित सूची दे दी थी। इसके अलावा सभी चयनित लेखपाल अभ्यर्थियों को तहसील आवंटित करते हुए योगदान आख्या भी ली गई। ऐसे में नियमावली के मुताबिक योगदान आख्या की तारीख को ज्वाइनिंग की तारीख मानी जाती है, लेकिन राजस्व परिषद ने नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी।
दरअसल, यूपी की 8085 पदों पर हुई लेखपाल भर्ती में राजस्व परिषद ने चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी है। साल 2023 में हुई लेखपाल भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति पत्र का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वहीं 23 फरवरी को वाराणसी में पीएम मोदी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सिफारिश पर राजस्व परिषद के आयुक्त और सचिव ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी।
हालांकि अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र को लेकर अभी और इंतजार करना होगा, क्योंकि यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 7987 लेखपालों के नियुक्ति पत्र की सुनवाई 22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए जायेंगे।