आरयू वेब टीम। झारखंड जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका खारिज करते हुए चुनाव के लिए अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया। हेमंत सोरेन ने चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी थी। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की थी।
अपनी याचिका में उन्होंने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का हवाला दिया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से कहा कि हम आपसे संतुष्ट नहीं हैं। आपकी याचिका में स्पष्ट नहीं किया गया कि निचली अदालत ने मामले पर संज्ञान ले लिया है। कोर्ट ने कहा कि आपने एक ही समय पर कोर्ट में दो मांग रखी हैं। एक अंतरिम जमानत और दूसरा गिरफ्तारी को चुनौती देने का।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दलील दी कि अगर हेमंत सोरेन को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो जेल में बंद सभी नेता जमानत की मांग करेंगे। ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने सोरेन की अंतरिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी कि उनका मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अलग है, जिन्हें आम चुनाव में प्रचार करने के लिए दस मई को अंतरिम जमानत दी गई थी।
यह भी पढ़ें- सीएम से पूछताछ के बीच JMM ने दर्ज कराया ED अफसरों पर मुकदमा, हेमंत सोरेन हुए गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने सोरेन के खिलाफ प्रथम दृष्टया एक मामला पाये जाने के बाद चार अप्रैल को अभियोजन की शिकायत का संज्ञान लिया था। इससे पहले मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान हेमंत के वकील कपिल सिब्बल ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तरह ही बेल देने का अनुरोध किया। ईडी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सोरेन को जमानत देने पर जांच प्रभावित हो सकती है।
यह भी पढ़ें- सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, माइनिंग लीज अलॉटमेंट मामले में PIL खारिज