आरयू वेब टीम। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक बार फिर अदालत से राहत नहीं मिली है। कथित शराब घोटाला केस में दिल्ली की राउज ऐवन्यू कोर्ट ने सोमवार को मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 22 जुलाई तक बढ़ा दी है।
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने सीबीआइ से जुड़े इस मामले में सुनवाई के बाद जमानत देने से इनकार कर दिया है।सीबीआइ की टीम ने हाल ही में तिहाड़ जेल में जाकर सिसोदिया से पूछताछ की थी। इसके बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया था। सीबीआइ की मानें तो भ्रष्टाचार के इस केस में मनीष सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई थी। अभी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े दोनों ही मामले में उनके खिलाफ अलग-अलग कोर्ट में जमानत याचिका लंबित हैं।
वहीं दिल्ली के डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी को लेकर आप के नेताओं का कहना है कि यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी तानाशाही की इंतेहा है। देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार कराकर भाजपा ने अच्छा नहीं किया है।
दरअसल सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें मार्च 2023 में मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अरेस्ट कर लिया गया था।
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बता दें कि दिल्ली सरकार के कई दिग्गज नेताओं पर आरोप लगाया गया कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के रिश्वत ली थी। इस आरोप का आप ने बार-बार खंडन किया। वहीं आरोपों के बाद में उत्पाद शुल्क नीति को कैंसिल भी कर दिया गया था। इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआइ से जांच की सिफारिश की, जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत केस दर्ज किया। इस मामले में कई नेताओं की गिरफ्तार हो चुकी है।