मायावती ने बीजेपी सांसद से कहा, “तुरंत दिलवाएं मान्यवर कांशीराम को भारत रत्‍न, नहीं तो बंद करें दलितों को गुमराह करना”

बसपा सुप्रीमा मायावती

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। बसपा के संस्‍थापक मान्‍यवर कांशीराम को भारत रत्‍न दिलाने को लेकर राजनीति गर्म होती नजर आ रही है। भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर के भारत रत्‍न दिए जाने की मांग के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी सांसद से कहा है आप मांग मत कीजिए बल्कि अपनी सरकार से कांशीराम को तुरंत भारत रत्‍न दिलवाएं।

यूपी के शाहजहांपुर से बीजेपी सांसद को आज जवाब देते हुए मायावती ने एक्‍स पर पोस्‍ट किया है। सोशल मीडिया के जरिए मायावती ने कहा कि यूपी बीजेपी के एक दलित सांसद द्वारा बीएसपी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर कांशीराम को भारतरत्न की उपाधि देने की मांग करने की जगह केन्द्र की सत्‍ता में अपनी सरकार से इसे तुरंत दिलवाये। यूपी की पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा सांसद के इस कदम का बीएसपी भी दिल से स्वागत करेगी, अगर भाजपा सांसद ऐसा नहीं करते सकते हैं तो इसकी आड़ में दलितों को गुमराह करना बंद करें।

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बताते चलें कि गुरुवार को शाहजहांपुर से भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर ने बसपा संस्थापक कांशीराम को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत-रत्न से सम्मानित करने की मांग लोकसभा में उठाई थीं। अरुण सागर ने कहा था कि समाज और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को देखते हुए मैं सरकार से कांशीराम को भारत-रत्न से सम्मानित करने का आग्रह करता हूं।

राजनीतिक स्वार्थ के तहत राज्यों के बीच भेदभाव,…

वहीं आज मायावती ने अपनी अन्‍य पोस्‍ट में केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि एनडीए सरकार संसद में पेश बजट में भी देश व आमजनहित से अधिक राजनीतिक स्वार्थ के तहत विभिन्‍न राज्यों के बीच भेदभाव, पक्षपात व असंतुलन बढ़ाने के विरुद्ध, आक्रोश व विरोध स्वाभाविक। मायावती ने आज यह भी दावा किया केंद्र सरकार का ऐसा सौतेला व्यवहार कोई नई बात नहीं। बीएसपी ने भी यूपी में इसे झेला है।

सरकार द्वारा देश व जनहित को सर्वोपरि रखना बहुत जरूरी

यूपी की पूर्व सीएम ने आगे कहा कि केंद्रीय बजट से दुखी व पीड़ित गैर-भाजपा शासित राज्यों ने इसको लेकर नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, जबकि यूपी जैसी विशाल आबादी वाले गरीब व पिछड़े राज्य पर बजट में समुचित ध्यान नहीं देना भी कितना उचित? केंद्र सरकार द्वारा देश व जनहित को सर्वोपरि रखना बहुत जरूरी।

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