आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी में धड़ल्ले से चल रहे योगी सरकार की साख पर बट्टा लगाने वाले अवैध निर्माण की ठेकेदारी के खेल पर लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब ने सख्त रुख इख्तिायार किया है। जिसके बाद अवैध निर्माण-प्लॉटिंग को ठेकेदारी या लापरवाही के चलते बढ़ावा देने के मामले में एलडीए से जुड़े 16 इंजीनियरों पर गाज गिरी है। कमिश्नर के निर्देश पर एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने विभिन्न अवैध निर्माण-प्लॉटिंग को बढ़ावा देने में संलिप्त पाए गए तीन सहायक अभियंता व 13 जेई के खिलाफ शासन को आज कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट भी भेज दी है।
हालांकि पूर्व के मामलों को देखते हुए यह चर्चा शुरू हो गयी है कि शासन में बैठे अफसर एलडीए के इंजीनियरों पर क्या ही कार्रवाई करेंगे। वहीं कमिश्नर की कार्रवाई से जुगाड़ के दम पर शासनादेश को भी बौना साबित कर लंबे समय से प्रवर्तन में जमें रहने वाले बहुचर्चित इंजीनियरों के अलावा कुछ जोनल अफसरों में भी जरूर हड़कंप मच गया है।
25 बीघे में हो गयी अवैध प्लॉटिंग-निर्माण, सोते रहे जिम्मेदार
एलडीए सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि अमर अग्रवाल व अन्य ने इंदिरा नगर के चांदन गांव में मानस सिटी कालोनी के पास करीब 25 बीघा जमीन में अवैध प्लाटिंग करते हुए रो-हाउस का निर्माण करा रहे थे। जिसके खिलाफ विहित प्राधिकारी न्यायालय ने कार्यवाही के आदेश दिये थे। जिसके अनुपालन में प्रवर्तन जोन पांच की टीम ने सीलिंग करते हुए बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
कमिश्नर की कोर्ट में पहुंचा मामला तो…
इसी मामले में बिल्डर ने विहित न्यायालय के आदेश के खिलाफ आयुक्त न्यायालय में अपील की थीं जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। साथ ही कमिश्नर रोशन जैकब ने अवैध निर्माण होने के दौरान तैनात रहे जोन पांच के इंजीनियरों पर भी कार्रवाई के आदेश दिये थे।
29 में से बिल्डर ने 26 रो हाउस दिए बेच
कमिश्नर के सख्त आदेश के बाद जागे प्राधिकरण के अफसरों ने जांच की तो पता चला कि एक जनवरी 2022 से 12 मई 2023 के बीच प्रवर्तन जोन पांच में तैनात रहे जेई व एई के कार्यकाल में बिल्डर अमर अग्रवाल व अन्य ने पॉम पैराडाइज टाइटल कालोनी विकसित कर न सिफ 29 रो-हाउस बनवाएं, बल्कि उनमें से 26 रो हाउस में परिवारों को भी अध्यासित करा दिया।
यह भी पढ़ें- एक ही जगह चल रहे तीन अवैध निर्माण इंजीनियरों को दिखे नहीं, दर्जनों दुकानें-हॉस्पिटल की फीनिशिंग के बाद एलडीए ने किया सील
एलडीए अध्यक्ष के आदेश के बाद उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने उक्त अवधि में प्रवर्तन जोन पांच में तैनात रहे सहायक अभियंता वीरेंद्र प्रताप मिश्रा, राहुल वर्मा, शीतल प्रसाद के अलावा जेई रवि शंकर राय, ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, आरके शर्मा, सुशील कुमार वर्मा, सत्यवीर सिंह व विपिन बिहारी राय के खिलाफ कार्यवाही की संस्तुति करते हुए शासन को रिपोर्ट भेजी है।
इन सबके बीच आज प्रवर्तन जोन पांच की टीम पॉम पैराडाइज टाइटल कॉलोनी भी पहुंची और नाली, बाउन्ड्रीवॉल व बिजली के कुछे खंभों को जेसीबी से गिरवाकर लौट आयी।
यह भी पढ़ें- अवैध निर्माण के दो शिकायतकर्ताओं को LDA उपाध्यक्ष ने अपने कमरे से कराया गिरफ्तार, FIR दर्ज
दो साल चलता रहा अवैध निर्माण, लेकिन…
वहीं प्रवर्तन जोन छह के हजरतगंज क्षेत्र में अवैध निर्माण को बढ़ावा देने के मामले में सात सिर्फ अवर अभियंताओं पर कार्रवाई की गयी है, यहां एई या किसी और को क्यों नहीं कसूवार माना गया यह एलडीए के अधिकारियों ने फिलहाल मीडिया को नहीं बताया है। प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा के मुताबिक आरके अग्रवाल व अन्य ने गोखले मार्ग पर शालीमार मीडोज के सामने प्लॉट नंबर-2ए पर अवैध निर्माण कराया था। इसी तरह अहाना वेन्चर्स के विश्वास स्वरूप ने गोखले विहार में प्लॉट नंबर-27/11 और 27/10 2ए वें लेन पर अवैध निर्माण किया। वहीं भुवनेश कुमार व अन्य ने भी प्लॉट नंबर-27/12 2ए वे लेन पर अनाधिकृत रूप से निर्माण कार्य कराया था। यह चारों अवैध निर्माण करीब दो साल से हो रहे थे, लेकिन इस अवधि में प्रवर्तन जोन छह में तैनात रहे इंजीनियरों ने इनपर कार्रवाई नहीं की।
कमिश्नर के निर्देश पर सील करने पहुंचे एलडीए के अफसर-इंजीनियर
दूसरी ओर मामला संज्ञान में आने के बाद हाल ही में कमिश्नर रोशन जैकब के निर्देश पर इन निर्माणों को सील किया गया। साथ ही अवैध निर्माण होने के दौरान जोन छह में तैनात रहें तत्कालीन जेई संजय मिश्रा, इम्तियाज अहमद, शिव कुंवर, भानु प्रकाश वर्मा, रवि प्रकाश, सुरेश कुमार व राकेश कुमार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए वीसी ने शासन को रिपोर्ट भेज दी है। वहीं जिन 16 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उपाध्यक्ष की ओर से रिपोर्ट भेजी गयी है उनमें से करीब आधा दर्जन अभियंता रिटायर भी हो चुके हैं।