आरयू वेब टीम। आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में बड़े स्तर पर वोट कटवाने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन दे रही है। उन्होंने शाहदरा सीट पर एक महीने में 11 हजार 18 वोट कटवाने के आवेदन का दावा करते हुए चुनाव आयोग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग चोरी-छिपे ऐसे वोटर्स का नाम हटा रहा है, जोकि जीवित हैं और अपने पते पर ही रह रहे हैं।
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केजरीवाल ने आज एक प्रेसवार्ता में ऐसे कुछ लोगों को पेश भी किया। पूर्व सीएम ने चुनाव आयोग से मांग की कि अब चुनाव होने तक किसी वोटर का नाम न काटा जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा बड़े स्तर पर दिल्ली में वोट कटवाने के लिए चुनाव आयोग में आवेदन कर रही है और चुनाव आयोग में चोरी छिपे इन आवेदनों पर कार्रवाई चल रही है। आज हम एक विधानसभा का डेटा रख रहे हैं। आने वाले समय में और विधानसभा क्षेत्रों का डेटा रखा जाएगा।
भाजपा ने लेटर हेड पर आवेदन दिए
आप सुप्रीमो ने आगे कहा कि शाहदरा विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक महीने में भाजपा ने 11 हजार 18 वोट कटवाने के लिए आवेदन दिया है। इसमें हर पेज पर भाजपा के पदाधिकारी विशाल भारद्वाज के हस्ताक्षर हैं। भाजपा ने लेटर हेड पर आवेदन दिए हैं। चुनाव तक पता नहीं कितने वोट कटवाएंगे। इन आवेदनों में कहा गया है कि ये लोग या तो शिफ्ट हो गए हैं या मर गए हैं। हमारे लिए कम समय में सबकी जांच करना संभव नहीं था हमने 500 लोग छांटे। कई पते तो नहीं मिले, लेकिन 500 से 372 लोग ऐसे मिल जो वहीं रह रहे हैं।’ इनमें से अधिकतर आप के वोटर्स हैं। शाहदरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख 86 हजार वोटर्स हैं। भाजपा 11 हजार वोट कटवाना चाहती है, यानी छह फीसदी। साथ ही कहा, ‘पिछली बार आप 5294 वोट से जीती थी, अब ये 11 हजार वोट कटवा रहे हैं तो चुनाव का मतलब क्या रह गया। इसमें चुनाव आयोग की भूमिका बहुत संदिग्ध है।
केजरीवाल ने कहा कि चुनाव आयोग का नियम है कि हर दिन जितने लोगों के वोट कटने के आवेदन आते हैं, उसे हर दिन फॉर्म नंबर दस में डालना होता है। कल तक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर शाहदरा में केवल 487 आवेदन दिखाए जा रहे हैं। यानी भाजपा ने जो 11 हजार आवेदन दिए हैं उन पर चोरी-छिपे काम हो रहा है, इसका सबूत है कि 22 नवंबर को चुनाव आयोग ने इन पर कार्रवाई का आदेश दिया है। चुनाव आयोग की क्या मंशा है?’
यह जनतंत्र के लिए है खतरा
पूर्व सीएम ने कहा, ‘चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक जनकपुरी में 6247, संगम विहार में 5862, आरकेपुरम में 4285, पालम में 4031, द्वारका में 4013, तुगलकाबाद में 3987, ओखला में 3933, करावल नगर में 2957, लक्ष्मीनगर में 2147, मुस्तफाबाद में 2051, विकासपुरी में 1923, उत्तम नगर में 1860, कृष्णानगर में 1631, मटियाला में 1561 आवेदन दिए गए हैं। चुनाव से डेढ़ महीने पहले कौन डाल रहा है इतने आवेदन। ये आंकड़े तो वेबसाइट के हैं, इसके बाहर पता नहीं चुनाव आयोग कितने नाम हटाने पर काम कर रहा है। यह जनतंत्र के लिए खतरा है। यदि वोट देने का अधिकार ही छीन लिया जाएगा तो देश का नागरिक होने का कोई मतलब नहीं रह जाता है।’