अखिलेश का दावा, योगी के घर के नीचे भी शिवलिंग, होनी चाहिए सीएम आवास की खुदाई

योग का घर
पत्रकारों से बात करते अखिलेा यादव।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। इन दिनों संभल के बाद कई शहरों में खुदाई कर हर जगह मंदिर और शिवलिंग मिलने के दावे किए जा रहे हैं। इन दावों के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एक दावा किया है। अखिलेश ने रविवार को दावा किया कि लखनऊ में जहां सीएम योगी रहते हैं, उस मुख्यमंत्री आवास के नीचे एक शिवलिंग है। अखिलेश ने मांग की कि इसकी भी खुदाई होनी चाहिए।

सपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए सपा मुखिया ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के नीचे एक शिवलिंग है। ये हमारी जानकारी है। इसकी भी खुदाई होनी चाहिए। अखिलेश के इस दावे के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि जब मैं नए घर में जा रहा था, तब एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मैं भाजपा और कांग्रेस दोनों से जनहित याचिका दायर करने वालों को जानता हूं।

इस दौरान यूपी के पूर्व सीएम ने राजभवन के बाहर अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई को लेकर निर्माण का मुद्दा उठाया। पूछा कि क्या इसका नक्शा स्वीकृत है? वहां बुलडोजर कब चलेगा? अखिलेश यादव पिछले कुछ दिनों से प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों में चल रही अव्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर एक्स पर कई वीडियो पोस्ट किए हैं। वहीं इसे लेकर अखिलेश ने कहा कि अगर हमारे कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए तो हम कुंभ मेले में हुई पूरी अव्यवस्था को उजागर कर देंगे।

कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता

साथ ही अखिलेश ने सीएम योगी के दिल्ली जाकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अन्य लोगों को कुंभ का निमंत्रण देने पर भी सवाल उठाए। अखिलेश ने कहा कि कुंभ में निमंत्रण नहीं दिया जाता। लोग आस्था के चलते खुद ही कुंभ में आते हैं। मैं किसी के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। हमने अपने धर्म में पढ़ा है कि ऐसे आयोजनों में लोग खुद ही आते हैं। क्या करोड़ों लोग जो आएंगे, उन्हें बुलाया गया है? यह सरकार अलग है।

बैलेट से ही चुनाव कराए

अखिलेश ने कहा कि सरकार ने कहा था कि कुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे शुरू हो जाएगा, लेकिन यह कहां शुरू हुआ। इस दौरान सपा सुप्रीमो ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईवीएम के कारण यहां हारने वाले को अपनी हार का और जीतने वाले को अपनी जीत का भरोसा नहीं है, इसलिए हमारी मांग है कि बैलेट से ही चुनाव कराए जाएं।