आरयू ब्यूरो, प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान से पहले भगदड़ मचने से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 60 ज्यादा श्रद्धालु घायल हुए हैं। हादसे के करीब 17 घंटें बाद आज शाम डीआइजी ने मृतक व घायलों के संख्या की पुष्टि की है। घायलों में कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। 36 घायलों को मेला क्षेत्र के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जबकि अधिकतर घायलों को उनके परिजन प्रावइेट व दूसरे अस्पतालों में इलाज कराने के लिए ले गए हैं।
बताया जा रहा है कि संगम नगरी में देर रात करीब दो बजे श्रद्धालु सो रहे थे। तभी अचानक भगदड़ मच गई। जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई, हालांकि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा था। घटना से संगम नोज पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे के बाद दर्जनों एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मृतकों के शवों को वहां से ले जाया गया। घायल श्रद्धालुओं को मेला परिसर में बने केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मेले से कई एंबुलेंस लगातार शव लेकर शहर की ओर जाते रहे।
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तमाम कयासों व योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर उठ रहें सवालों के बीच आज शाम डीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने मीडिया को बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पहले रात एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ जमा थीं। इस भीड़ के कारण दूसरी तरफ लगे बैरिकेड टूट गए और भीड़ दूसरी तरफ ब्रह्म मुहूर्त की पवित्र डुबकी लगाने के लिए इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं पर चढ़ गई।
डीआइजी के मुताबिक हादसे के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत-बचाव कार्य करते हुए करीब 90 लोगों को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्य से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। इन 30 में से 25 की पहचान हो गई है और बाकी की पहचान होनी बाकी है। 36 लोगों का स्थानीय मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। फिलहाल स्थिति सामान्य है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेले प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है। इस समय सामान्य स्थिति है। अखाड़ों का आज अमृत स्नान सकुशल संपन्न कराया गया।”