आरयू वेब टीम। चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रेसवार्ता को विपक्षी दलों ने बकवास बताते हुए भाजपा की स्क्रिप्ट करार दिया है। साथ ही आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों का जवाब देने में पूरी तरह से विफल रहा है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चुनाव आयोग द्वारा राहुल गांधी से एफिडेविट मांगने पर सोमवार को कहा, “मुख्य चुनाव आयुक्त ने बीजेपी से यही अनुरोध क्यों नहीं किया? उन्होंने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त बीजेपी के साथ कांग्रेस जैसा व्यवहार क्यों नहीं कर रहे हैं? मुझे लगता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस संवैधानिक पद की गरिमा को कमज़ोर किया गया है।”
इस पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, “अगर नेता प्रतिपक्ष को लगता है कि वोट चोरी हो रहे हैं तो चुनाव आयोग को सबूत लेकर आना चाहिए कि ऐसा नहीं हो रहा है। अखिलेश यादव ने 18 हज़ार ऐसे मतदाताओं के हलफनामे भी दिए हैं जिनके नाम कट गए या जो चुनाव आयोग की खामियों की वजह से वोट नहीं दे पाए, ऐसे में हलफनामे के बावजूद प्रेस में आकर झूठ बोलना अपने आप में एक प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।”
इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “लोकतंत्र पूरी तरह से समाप्त होने की कगार पर है। हमारे नेता अखिलेश यादव ने 18 हजार वोट कटने की सूचना हलफनामे के साथ दी थी। आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।”
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जोरदार पलटवार करते हुए पूरी वार्ता को स्क्रिप्टेड इवेंट करार दिया। प्रियंका ने कहा कि आयोग की प्रेसवार्ता में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे सिर्फ भाजपा की ओर से दिए गए स्क्रिप्ट को पढ़ रहे थे, क्योंकि इंडिया ब्लॉक ने जो सवाल उठाए, उनके जवाब नहीं मिले हैं। आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के सवालों, जैसे डुप्लीकेट वोटर्स और मल्टीपल आईडी जैसे मुद्दों के कोई ठोस जवाब नहीं दिए गए। साथ ही दावा किया कि आयोग अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और भाजपा इसे विपक्ष पर हमला करने के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने इसे एक स्क्रिप्टेड इवेंट बताया, जो बीजेपी कार्यालय से तैयार किया गया प्रतीत होता है।
वहीं आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “यह लोकतंत्र है और देश संविधान से चलेगा। लोकतंत्र में अगर मुख्य चुनाव आयुक्त लोकसभा में विपक्ष के नेता को इस तरह चुनौती देते हैं और बीजेपी की भाषा बोलते हैं, तो जनता भी इस गोदी आयोग को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। चुनाव आयोग बीजेपी आयोग बनकर राजनीति कर रहा है। वे अनुराग ठाकुर पर कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं? चुनाव आयोग बेनकाब हो गया है।”
इसके अलावा कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने चुनाव आयोग पर निशाना साधाते हुए कहा, “हमने संविधान की शपथ ली है कि देश के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। चुनाव आयोग ऐसे व्यवहार कर रहा है जैसे राहुल गांधी ही चुनाव आयोग हों। आप चुनाव आयोग हैं, आपको उठ रही आवाज़ों की जांच करनी चाहिए थी और सच्चाई सामने लानी चाहिए थी, लेकिन आप उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसा हाल कर रहे हैं। गलती आपकी है और आप राहुल गांधी से हलफनामा मांग रहे हैं, आप हलफनामा दीजिए।”
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बता दें कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव से करीब तीन महीने पहले रविवार को 1300 किलोमीटर की “वोटर आधिकार यात्रा” शुरू की। उन्होंने कहा कि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए “चुनाव चोरी” करने की साजिश की जा रही है, लेकिन विपक्ष इसे सफल नहीं होने देगा। उन्होंने कथित ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को जोरशोर से उठाया और यह भी कहा कि वह निर्वाचन आयोग में बैठे हुए लोगों से डरने वाले नहीं हैं।




















