आरयू वेब टीम। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को 273 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में दिल्ली और मध्य प्रदेश में कुल दस जगहों पर छापेमारी की। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली में नौ और भोपाल (मध्य प्रदेश) में एक जगह पर ये छापेमारी अभियान चलाया गया। कार्रवाई उन कंपनियों और व्यक्तियों से जुड़ी परिसंपत्तियों पर हुई, जिनका इस मामले में संबंध था।
ईडी ने यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर की, जो बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी और इसके निदेशकों ने भारतीय औद्योगिक वित्त निगम से लिए गए 273 करोड़ रुपये के ऋण और धन का गबन किया। ईडी की जांच में पता चला कि ये राशि बड़ी मात्रा में ईएचएलडी की संबंधित कंपनियों में भेज दी गई, जो किसी वास्तविक व्यवसाय में शामिल नहीं थीं।
इससे पहले, ईडी ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी दस्तावेज दाखिल किए थे। ये मामला भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की 2014 में दर्ज शिकायत पर आधारित है, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य शामिल हैं। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने ईडी को आदेश दिया कि सभी प्रस्तावित आरोपितों को दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।
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वहीं अदालत ने प्रस्तावित आरोपितों के वकीलों की दलीलों को सुनने के लिए अगली सुनवाई 16 सितंबर को तय की है। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए और कहा कि ईडी दस्तावेज दाखिल करने और प्रस्तावित अभियुक्तों को उपलब्ध कराने के खिलाफ नहीं है। अदालत ने ईडी से कुछ स्पष्टीकरण भी मांगे हैं।