‘भीमराव आंबेडकर पर साधु-संतों को टिप्पणी करने से चाहिए बचना’: मायावती

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बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मेरठ में स्वामी रामभद्राचार्य द्वारा मनुस्मृति को लेकर दिए गए बयान पर शनिवार को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने निशाना साधा है। बसपा सुप्रीमो ने कुछ साधु-संतों को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर चुप रहने और किसी प्रकार की कोई टिप्पणी न करने की सलाह दी।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जैसा कि विदित है कि आए दिन सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादित बयानबाजी करने वाले कुछ साधु-संतों को बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर के भारतीय संविधान के निर्माण में उनके अतुल्य योगदान की सही जानकारी नहीं है। इसलिए इस संबंध में किसी भी तरह की गलत बयानबाजी करने के बजाय वे चुप रहें तो उचित होगा।”

मायावती ने पोस्ट में कहा बाबा साहेब के अनुयायी, मनुस्मृति का विरोध क्यों करते हैं? उसे भी इनको अपनी जातिवादी द्वेष की भावना को त्याग कर जरूर समझना चाहिये। इसके साथ-साथ इन्हें ये भी मालूम होना चाहिये कि बाबा साहेब महान् विद्वान व्यक्तित्व थे। इस मामले में कोई भी टीका- टिप्पणी करने वाले साधु-सन्त, इनकी विद्वता के मामले में कुछ भी नहीं हैं। अतः इस बारे में भी कुछ कहने से पहले इनको जरूर बचना चाहिये, यही नेक सलाह।

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गौरतलब है कि मायावती की ये टिप्पणी जगद्गुरु रामभद्राचार्य की टिप्पणी के एक दिन बाद सामने आई है। दरअसल रामभद्राचार्य ने एक इंटरव्यू के दौरान डॉ अंबेडकर पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि था कि डॉ. अंबेडकर का संस्कृत भाषा का ज्ञान नहीं था। रामभद्राचार्य ने कथा के दौरान कहा था कि कुछ लोगों ने मनुस्मृति जलाई, जब पढ़े-लिखे लोग ये करते हैं तो दुख होता है। कितना मनुस्मृति जलाओगे, जाने कितने लोगों को ये कंठस्थ है, उनसे दोबारा लिखवा दी जाएगी।

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