आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। राजधानी में कम उम्र के बच्चों के जान देने का एक सनसनीखेज मामला आज एक बार फिर सामने आया है। पीजीआई इलाके के वृन्दावन कॉलोनी में 13 वर्षीय किशोर ने सुबह फांसी लगाकर जान दे दी। किशोर लखनऊ पब्लिक स्कूल में कक्षा आठ का छात्र था। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही किशोर के जान देने की वजह का पता लगा रही है।
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मूल रूप से उन्नाव जिले के निवासी अरविंद कुमार यादव अधिकतर समय उन्नाव में रहकर खेती कराते हैं। जबकि उनकी पत्नी मीना देवी वृंन्दावन कॉलोनी के सेक्टर सात में बेटों की पढ़ाई के चलते राजधानी में रह रही थी। उनका छोटा बेटा शिवम एलपीएस में कक्षा आठ में पढ़ता था, जबकि बड़ा बेटा सत्यम दसवीं में पढ़ता है।
जानकर भी कलेजे के टुकड़ें को नहीं बचा सकी मां
घटना की जांच कर रहे एसआई रणजीत सिंह ने बताया कि सुबह सत्यम को स्कूल भेजने के साथ ही शिवम को जगाकर मां मीना देवी पूजा करने चली गयी। तभी शिवम कमरा अंदर से बंदकर शॉल के फंदे के सहारे पंखे के हुक से फांसी लगाने लगा। इसी बीच उसने मां को आवाज भी दी बेटे की आवाज सुनकर मीना देवी भागती हुई उसके कमरे के पास पहुंची, लेकिन दरवाजा बंद होने के चलते अंदर नहीं जा सकी।
बेटे के साथ अनहोनी होते देख आसपास के लोगों की सहायता से उन्होंने दरवाजा भी तोड़ दिया, हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अंदर बेटे की लाश लटकती देख मीना देवी गश खाकर गिर पड़ी। समझा जा रहा है कि नादानी में फांसी लगाने के दौरान दम घुटने के बीच ही सत्यम ने मां से बचाने की गुहार लगायी होगी।
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इंस्पेक्टर पीजीआई ने बताया कि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। किशोर के फांसी लगाने की वजह का पता लगाया जा रहा है। दूसरी ओर मौके पर जुटे आसपास के लोग दोनों भाईयों में किसी बात को लेकर अनबन होने की बात कह रहे थे। कुछ लोग छात्र के ब्लू व्हेल गेम खेलने की भी आशंका जता रहे थे, हालांकि पीजीआई पुलिस ने शिवम के पास मोबाइल फोन होने की ही बात से इंकार किया है।
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