आरयू ब्यूरो
लखनऊ। राजधानी में हफ्ते भर के अंदर एक ही स्कूल व कक्षा के 17 वर्षीय दूसरे छात्र के गोली मारकर आत्महत्या करने की खबर ने सनसनी मचा दी। बीते सोमवार को कैसरबाग में मामा की लाइसेंसी बंदूक से कुशाग्र वर्मा के आत्महत्या करने की बात अभी लोगों के जेहन में ताजा ही थी कि रविवार की रात हुसैनगंज इलाके में स्थित मेडिकल फैकेल्टी परिसर निवासी अलोक अवस्थी ने पिता की डबल बैरल लाइसेंसी बंदूक से खुद को उड़ा लिया।
मौके पर पहुंची पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है। नोट में किशोर ने अपनी मौत का जिम्मेदार किसी को नहीं बताते हुए जिंदगी से उब कर जान देने की बात कही है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ ही घटना में इस्तेमाल बंदूक और सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर छानबीन कर रही है।
इंस्पेक्टर हुसैनगंज अखिलेश चन्द्र पाण्डेय ने बताया कि घटना को कुशाग्र की आत्महत्या से जोड़कर भी जांच की जाएगी। दूसरी ओर बेटे को खोने के गम में परिजनों में कोहराम मचा है। घरवालों ने पुलिस को बताया कि बेटे के जान देने के बारे में वह सोच भी नहीं सकते थे।
मूल रूप से बांद जिले के गिरवां सौता निवासी विनय कुमार अवस्थी मेडिकल फैकल्टी में गन मैन की नौकरी करने के साथ ही परिवार के साथ वहीं रहते भी है। उनका बेटा आलोक चारबाग स्थित बाल विद्या मंदिर में ग्यारहवीं का छात्र था।
रात करीब दस बजे आलोक ने बंदूक को ढुड्डी के नीचे लगाकर फायर कर दिया। घटना के समय विनय कुमार गांव गए हुए थे। जबकि बड़ा बेटा रजत दूसरे कमरे में कपड़ा प्रेस कर रहा था।
कुशाग्र ने भी दी थी जान
उल्लेखनीय है कि पतंग कारोबारी के इकलौते बेटे कुशाग्र ने भी बीते सोमवार को आलोक की तरह ही जान दे दी थी। घटना के समय माता-पिता मंदिर गए हुए थे। घर में मामा की लाइसेंसी बंदूक रखी हुई थी। मौकाा देखकर कुशाग्र ने उसे अपने मौत की वजह बना ली। घटना के बाद घरवालों ने कहा था कि स्कूल ने अनुपस्थिति पूरी नहीं होने की वजह से उसे नोटिस दी थी, इसे लेकर वह परेशान था।
तीन अन्य छात्रों ने भी लाइसेंसी असलहे को बनाया मौत का जरिया
इन दोनों मामलों के अलावा भी पिछले करीब दो महीने में तीन अन्य छात्र-छात्राओं ने अलीगंज, हुसैनगंज और मडि़यांव में लाइसेंसी असलहे से गोली मारकर जान दी है। सुरक्षा की दृष्टि से खरीदे जा रहे लाइसेंसी असलहे से आत्महत्या की बढ़ती वारदातों को लोगों को अब सोचने पर मजबूर कर दिया है।