आरयू वेब टीम।
लंबे समय से चल रहे टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत में न्यायाधीश ओ पी सैनी ने फैसला सुनाते हुए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और कई अन्य आरोपितों को बरी कर दिया है।
यह फैसला यूपीए सरकार के समय हुए टू-जी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग-अलग मामलों में सुनाया गया है। स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका और अन्य के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि “न्यायालय ने कहा कि अभियोजन अपने किसी भी आरोप को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है, इसलिए सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।
वहीं विशेष आदलत के इस फैसले का पूर्व दूरसंचार मंत्री एवं द्रमुक नेता ए. राजा ने स्वागत करते हुए मीडिया से कहा, ‘मैं फैसला पढ़ने के बाद कुछ कहूंगा। आप देख रहे हैं, सभी खुश हैं।’ इससे पहले कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राजा, कनिमोझी सहित अन्य सभी आरोपितों को फैसले के लिए आज उपस्थित रहने का निर्देश दिए था।
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मालूम हो कि छह साल पहले 2011 में टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामला की सुनवाई शुरू हुई थी, जिसमें अदालत ने 17 आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किए थे, जिनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। सीबीआई द्वारा दायर पहले मामले में राजा और कनिमोझी के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक लिमिटेड एमडी संजय चंद्रा और रियालंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर आरोपी थे।
सीबीआई ने अप्रैल 2011 में अदालत में लगभग 80000 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इस मामले में 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने राजा के कार्यकाल के दौरान आवंटित किए गए टूजी स्पेक्ट्रम के सभी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे।
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