आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध और भगवा गमछे वाले गुंडों से आम जनजीवन बुरी तरह पीड़ित है। भाजपा कार्यकर्ता द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से मारपीट तथा अभद्रता की घटनाएं आम हो गयी है। जबकि भाजपा के सहयोगी संगठनों को मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी छूट के कारण भी प्रदेश के हालात बद से बदतर होते जा रहे है। सभी लोकतांत्रिक पार्टियों को एकता बनाते हुए इस फासीवादी सांप्रदायिक निजाम को उखाड़ फेंकना होगा तभी जनता तथा अधिकारी सुरक्षित रह पाएगें।
ये बातें आज नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टीं (एनसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने दारूलशफा स्थित कॉमनहाल में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी और जिलों व महानगरों के अध्यक्षों को संबोधित करते हुए एक बैठक में कही।
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प्रदेश अध्यक्ष ने घोषणा करते हुए कहा कि लोकसभा के उपचुनाव में राकापा चुनाव नहीं लडेगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस उपचुनाव में साझा प्रत्याशी उतारना चाहिए था, ताकि सांप्रदायिक ताकतों को हराया जा सके। दोनों ही दल फिलहाल सांप्रदायिक ताकतों को हराने में “नॉन सीरियस” दिख रहें है।
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उन्होने कहा कि सदस्यता फार्म की सूची 15 मार्च तक तथा जिला व महानगर अध्यक्ष, जिला कार्यकारणी की सूची, फ्रण्टल तथा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष 10 मार्च तक प्रदेश कार्यकारिणी की सूची उपलब्ध करा दे। प्रदेश कार्यकारिणी की अध्यक्षता डॉ. रमेश दीक्षित तथा संचालन शर्मा पूरन ने किया।
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राकापा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिलाध्यक्ष स्थानीय समस्याओ के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय पर आठ मार्च से 20 मार्च तक प्रदर्शन करें। जबकि योगी सरकार की गलत नीतियों के विरोध में मार्च के अंतिम सप्ताह में विधानसभा पर प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं डॉ. दीक्षित ने मांग उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकारों की नीतियों के चलते ही किसान आज आत्महत्या कर रहें हैं, सरकार उनकी हालत सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाएं। इसके साथ ही जब तक विजय माल्या, नीरव मोदी, ललित मोदी से रिकवरी नहीं हो जाती किसानों से भी कोई कर्ज वसूली नही की जाए।
बैठक में रामसनेही मिश्रा, केडी मिश्रा, मेंहदी अब्बास रिजवी, डॉ. आरबी लाल, हरिश्चन्द्र सिंह, पदम् श्रीवास्तव, अरुण यादव, सतीश चतुर्वेदी, एमटी अंसारी, शशांक शेखर सिंह, महराजदीन चौधरी, आनन्द कुमार, दयानन्द भास्कर, संजय दीप कुशवाहा, डॉ. रमेश यादव, चौधरी अख्तर अली, फसाहत अली, फहमीदा बेगम, मोहम्मद इस्माइल, प्रेमशंकर मिश्रा ने भी अपने विचार रखें। इस दौरान प्रदेश पदाधिकारीयों के अलावा करीब 40 जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहें।
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