आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस), भाजपा और प्रदेश सरकार की समन्वय बैठक पर घोर आपत्ति दर्ज करायी है। राकापा ने इस बैठक को जनता द्वारा चुने गए जनादेश का अपमान बताया है।
राकापा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमेश दीक्षित ने मंगलवार रात हुयी इस बैठक पर घोर आपत्ति दर्ज करते हुए इससे उत्तर प्रदेश की जनता का अपमान बताया। आज एक बयान जारी करते हुए उन्होंने मीडिया से कहा कि संघ के नेताओं के आगे है पूरी सरकार नतमस्तक है। आरोप लगाते हुए रमेश दीक्षित बोले कि प्रदेश की चुनी हुयी सरकार को परदे के पीछे से संघ रिमोट द्वारा नियंत्रित करता है।
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यही वजह है प्रदेश में योगी सरकार के सत्तारुण होते ही दलित पिछड़ों और अकलियत के हकों और उत्पीड़न के मामलों में तेजी आई है। प्रदेश अध्यक्ष ने आरएसएस को देश विभाजित करने वाली विचारधारा वाला एक गुप्त संगठन बताते हुए कहा कि इसी संगठन के लोगों ने निहत्थे महात्मा गांधी की हत्या की थी।
उन्होंने संघ को सामाजिक न्याय सहित भारतीय लोकतंत्र और संविधान में कोई आस्था नहीं रखने वाला संगठन बताते हुए कहा कि वह सोच के स्तर पर मनु स्मृति से ज्यादा प्रभावित लगता है। उन्होंने आगे कहा की प्रदेश में कानून-व्यवस्था लगभग ध्वस्त हो गयी है, बेरोजगारी अपने चरम पर है और योगी सरकार संघ से उधार लिए जुमलों से जनता को भरमाकर प्रदेश में जातीय और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का काम कर रही है।
संघ ने जताया था अधिकारियों की मनमानी पर एतराज
बताते चलें कि मंगलवार की रात संघ पदाधिकारियों, योगी सरकार और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की समन्वय बैठक मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित हुई थी। जिसमें बीते चुनावों के साथ ही अगामी लोकसभा चुनाव समेत विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी थी। सूत्र बताते हैं कि इस दौरान संघ के लोगों ने योगी सरकार को अगाह किया था कि अफसर नियमों को अपने हिसाब से इस्तेमाल करते हुए मनमानी कर रहें हैं। इन पर नजर रखी जाए।
साथ ही लोकसभा चुनाव में भी परिणाम भाजपा के पक्ष में आएं इसके लिए नौजवानों और किसानों पर विशेष ध्यान दिया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, दिनेश शर्मा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय, प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के अलावा आरएसएस के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश समेत अन्य लोग मौजूद थे।
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