आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। महीने में एक बार लखनऊ विकास प्राधिकरण में आयोजित होने वाला प्राधिकरण दिवस आज एक बार फिर फरियादियों को तारीख देने तक ही सीमित रह गया। एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह समेत तमाम अफसरों, इंजीनियरों और कर्मचारियों की मौजूदगी के बाद भी कब्जे, रजिस्ट्री, बिल्डरों की मनमानी समेत अन्य शिकायतों के समाधान के लिए एलडीए पहुचें 54 फरियादियों को आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ। काम नहीं होने से फरियादियों को निराश लौटना पड़ा।
ग्रीन बेल्ट बना सबसे बड़ा शौचालय, एलडीए ने कहा नगर निगम जाओ
विनीत खण्ड छह के रेजीडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव टीएन मिश्र ने बताया कि उनकी कॉलोनी के उत्तरी हिस्से में एलडीए का करीब एक एकड़ से बड़ा प्लॉट ग्रीन बेल्ट के नाम पर छूटा है। लावारिस जमीन को झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले और राहगीरों ने गोमतीनगर का सबसे बड़ा शौचालय बना दिया है। जिसके चलते कॉलोनी वालों का जीना-दूभर हो गया है।
एलडीए से कई बार शिकायत की गयी तो उसने कुछ दिन पहले विनीत खण्ड को नगर निगम के आधीन बताते हुए वहां जाने के लिए कह दिया, लेकिन वहां पहुंचने पर बताया गया कि ग्रीन बेल्ट को नियमानुसार मेंटेन करने की जिम्मेदारी एलडीए की है। जिसके चलते आज एक बार फिर एसोसिएशन के लोगों ने इसकी शिकायत प्राधिकरण दिवस में की।
पार्श्वनाथ के आवंटियों ने कंप्लीशन सार्टिफिकेट को किया चैलेंज
लंबे समय से बिल्डर की मनमानी और एलडीए के आश्वासन झेल रहे पार्श्वनाथ के आवंटियों ने भी आज प्राधिकरण दिवस में न्याय की उम्मीद से गुहार लगायी। आवंटी आलोक सिंह ने बताया कि तमाम कमियां होने के बाद भी एलडीए के इंजीनियरों ने बिल्डरों से सांठ-गांठ कर उसके तीन टॉवरों का कंप्लीशन सार्टिफिकेट जारी कर दिया। नियमों को दरकिनार कर एई और जेई के सर्वे पर तत्कालीन एक्सईएन चक्रेश जैन ने प्रमाण पत्र जारी करने के दौरान बिल्डर को कमियां दूर करने के लिए 45 दिन की मोहलत भी दे दी।
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एलडीए खुद तय की हुई डेडलाइन बीतने के बाद भी बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। आलोक सिंह ने कहा कि हालांकि आज एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने जल्द ही बिल्डर और नियमों से खिलवाड़ करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
13 साल पहले जमा किया था पैसा, रजिस्ट्री के लिए लग रहा चक्कर
विनय खण्ड निवासी नमिता सिंह ने बताया एलडीए ने 28 फरवरी 2005 को उन्हें गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर छह में प्लॉट संख्या 174 आवंटित किया था। जिसके अगले महीने हीं उन्होंने बैंक से लोन लेकर प्लॉट का पूरा पैसा एलडीए में जमा कर दिया था, उसके बाद भी एलडीए ने कब्जा देना तो दूर आज तक प्लॉट की रजिस्ट्री उनके नाम नहीं की।
एलडीए के जनसंपर्क अधिकारी अशोक पाल सिंह ने बताया कि कुल 54 फरियादी प्राधिकरण दिवस में आए थे। जिनकी समस्याएं सुनने के बाद एलडीए वीसी और सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रार्थना पत्रों का नियमों के अनुसार जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए।
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प्राधिकरण दिवस में एलडीए उपाध्यक्ष के अलावा एलडीए सचिव एमपी सिंह, चीफ इंजीनियर इंदुशेखर सिंह, अपर सचिव अनिल भटनागर, ओएसडी राजेश शुक्ला, ओएसडी राजीव कुमार समेत अन्य अफसर, इंजीनियर व बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहें।