आरयू ब्यूरो
लखनऊ। पुरानी पेंशन योजना बहाल कराने की मांग को लेकर विधानसभा घेरने जा रहे शिक्षकों पर बुधवार की दोपहर पुलिस का कहर टूट पड़ा। पुलिस शिक्षकों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटने के साथ ही सिर पर डंडे चलाने से भी नहीं चूकी। वर्दी की गर्मी में इस दौरान पुलिस ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा। हजरतगंज स्थित शक्तिभवन के पास हुए पुलिस के इस बर्बर लाठीचार्ज के बीच एक शिक्षक की मौत हो गई।
जबकि लगभग दर्जन भर शिक्षकों को गंभीर चोटें आई हैं। घटना के समय शिक्षक ऑल टीचर वेलफेयर एम्पॉइज एसोसिएशन (अटेवा) के बैनर तले अपनी मांग को मनवाने निकले थे।
मृतक के परिवार को पांच लाख मुआवजा, नौकरी और घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
घायलों का इलाज सिविल अस्पताल में किया जा रहा है। साथी की मौत से आक्रोशित शिक्षक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने के बाद भी काबू में नहीं आये। अस्पताल में मुख्यमंत्री के बुलाने की मांग पर अड़े शिक्षकों को मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने अस्पताल पहुंचकर संभाला।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री की ओर से मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजे, घटना की मजिस्ट्रेटी जांच और मृतक आश्रित को नौकरी का आश्वासन देकर हालात संभाला। मृतक कुशीनगर के हाटा स्थित महात्मा गांधी स्मारक इंटर कॉलेज के प्रवक्ता रामआशीष सिंह(39) बताए गए है।
घटना के दो घंटे बाद अस्पताल पहुंचे डीएम सत्येन्द्र सिंह यादव के सामने शिक्षकों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आक्रोशित शिक्षकों ने अधिकारियों बेईमान के साथ ही बेरहम बताया। एसएसपी मंजिल सैनी ने इंस्पेक्टर हजरतगंज राजकुमार सिंह और सिपाही अभिषेक प्रताप सिंह को लाइनहाजिर कर दिया है।
फिलहाल शव का पोस्टमार्टम कराने के साथ ही मृतक के परिजन पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे है। पुलिस को लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया इस बारे में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी जवाब देने से भाग रहे है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए अगर निष्पक्ष जांच हुई तो पुलिस व प्रशासन के कुछ बड़े अधिकारियों पर गाज गिरनी तय माना जा रहा है। फिलहाल सूबे की राजधानी का खुफिया तंत्र, पुलिस व प्रशासन लगातार भीड़ मैनेजमेंट में फेल हो रहे है।
एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया मृतक के शरीर पर कोई जाहिरा चोट नहीं है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर आगे की स्थिति साफ हो जाएगी।