एक महीना बीतने के बाद भी सत्येंद्र सिंह की पत्नी के स्कूल पर कार्रवाई करने से डर रहा नगर निगम

कैप्टन मनोज पाण्डेय

आरयू फॉलोअप,

लखनऊ। गोमतीनगर के शंकर चौराहे पर कारगिल शहीद कैप्‍टन मनोज पाण्‍डेय की शान में बट्टा लगाने वाले बोर्ड को नगर निगम करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी हटा नहीं सका है। हालांकि ‘राजधानी अपडेट’ के मुद्दा उठाने के बाद नगर निगम सत्‍येंद्र सिंह यादव की पत्‍नी मीता सिंह के स्‍कूल को नोटिस भेजने का कोरम पूर करने के आगे अभी तक नहीं बढ़ सका है।

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जबकि करीब एक महीना पहले नगर निगम ने बोर्ड को अवैध मानते हुए विकास खण्‍ड चार में चल रहे ‘न्‍यू मिलेनियम स्‍कूल’ के प्रबंधक को नोटिस जारी की थी। नोटिस में नगर निगम ने स्‍पष्‍ट रूप से स्‍कूल प्रबंधक को निर्देश दिया था कि तत्‍काल चौराहे पर लगे बोर्ड को हटाने के साथ ही तीन दिन के अंदर अवैध विज्ञापन की क्षतिपूर्ति के रूप में 33456 रुपए के साथ ही 5000 रुपए बतौर जुर्माने के रूप में नगर निगम कोष में जमा किया जाए।

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लेकिन तीन की जगह करीब तीस दिन बीतने के बाद भी सत्‍येंद्र सिंह के रसूख के चलते स्‍कूल ने न तो बोर्ड हटवाना जरूरी समझा और न ही नगर निगम की ओर से निर्धारित जुर्माने समेत 38456 रुपए की धनराशि नगर निगम में जमा की।

दूसरी ओर नगर निगम के सूत्र बताते है कि शासन और सत्‍ता को मैनेज करने में माहिर सत्‍येंद्र सिंह यादव की पत्‍नी के स्‍कूल को किसी तरह नोटिस तो भेज दी गई, लेकिन आगे की कार्रवाई करने से खुद नगर निगम के अफसर भी डर रहे है।

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बताते चले कि ‘राजधानी अपडेट’ ने 3 मई को ‘चौराहे पर कारगिल शहीद के सम्‍मान को बौना बना रहा है, सत्‍येंद्र सिंह का कद’ हेडलाइन के साथ न्‍यूज पोस्‍ट कर पूरे मामले को उठाया था कि देश के लिए जान गंवाने वाले कारगिल शहीद कैप्‍टन मनोज पाण्‍डेय के कद को एक प्राइवेट स्‍कूल के सामने छोटा कर दिया गया है। साथ ही जनता के विरोध के बाद भी नियमों का उल्‍लंधन कर साल भर में नगर निगम को भी लाखों रुपए की चपत पहुंचाई जा चुकी है।

बड़े बोर्ड (गैंट्री) को हटाने के लिए हाइड्रा की जरूरत पड़ती है, उसी का प्रबंध किया जा रहा है। एक-दो दिन में बोर्ड हटाने के साथ ही हाइड्रा का चार्ज भी स्‍कूल से वसूला जाएगा। किसी के प्रेशर वाली कोई बात नहीं है।  अशोक सिंह, प्रभारी प्रचार, नगर निगम