आरयू स्पेशल,
लखनऊ। वतन के लिए लड़ने और जान गंवाने वाले सैनिकों के लिए जहां देश भर में सम्मान और सुरक्षा को लेकर मांग उठ रही है। वहीं दूसरी ओर तहजीब के शहर के एक चौराहे पर कारगिल शहीद के ही सम्मान पर दाग लगाने का शर्मनाक मामला सामने आया है।
हम बात कर रहे है गोमतीनगर के शंकर चौराहे की जहां एलडीए की ओर से लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए बोर्ड पर कारगिल शहीद मनोज पाण्डेय के कद को एलडीए के पूर्व उपाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह यादव के सामने बौना कर दिया गया है।
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एलडीए के कथित बोर्ड पर पर सत्येंद्र सिंह यादव की पत्नी मीता सिंह के नाम से विकास खण्ड चार में चल रहे ‘न्यू मिलेनियम स्कूल’ का नाम लिखवाया गया हैं। जबकि नियमों के अनुसार चौराहे पर किसी प्राइवेट स्कूल के लिए बोर्ड नहीं लग सकता। करीब साल भर पहले तत्कालीन एलडीए वीसी को खुश करने के लिए मनोज पाण्डेय चौराहे से कुछ सौ मीटर की दूरी पर लगाए गए इस बोर्ड पर कारगिल शहीद के नाम को एक प्राइवेट स्कूल के सामने छोटा कर दिया गया।
क्षेत्रिय लोगों का कहना है कि एलडीए की थीम पर बनाए जा रहे बोर्ड पर कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम को सही सम्मान नहीं मिलता देख उन लोगों ने इसका विरोध किया था, लेकिन मौके पर मौजूद एलडीए के अधिकारियों ने सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर उनको शांत करा दिया।
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इलाके के ही संजय सेठ ने बताया तमाम शिकायतों के बाद भी सत्येंद्र सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते जनता उनकी अखिलेश सरकार से करीबी जान चुके थी, यही वजह है कि लोगों ने धमकी मिलने के बाद भी चुप रहने में ही भलाई समझी। पर योगी सरकार में इलाकाई लोग इस बोर्ड के खिलाफ आवाज उठाने का मन बना रहे हैं।
अखिलेश यादव के सपने को भी नहीं समझा कुछ
भले ही अखिलेश यादव का सपना जनेश्वर मिश्रा पार्क संवारने के नाम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चार सौ करोड़ रुपए फूंक डाले हो, लेकिन कथित बोर्ड पर पार्क के नाम को भी उचित स्थान नहीं दिया गया। चौराहे पर सिस्टम को शर्मसार करने वाले बोर्ड को देखने के बाद लोग सिर्फ इतना ही कह पाते है कि कारगिल शहीद और अखिलेश यादव के सपने से भी बड़ा है चर्चित अफसर का कद।
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नगर निगम को लगी लाखों रुपए की चपत
नगर निगम की प्रचार नियमावली को दरकिनार कर लगाए गए बोर्ड से नगर निगम को भी लाखों रुपए की चपत लगी है। जानकार बताते है कि करीब 40 मीटर लंबे बोर्ड को लगाने के लिए अगर नगर निगम से अनुमति ली जाती तो सालभर में लाखों रुपए सिर्फ किराए के ही रूप में स्कूल को देने पड़ जाते।
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हमारे यहां से इस बोर्ड के लिए कोई फाइल नहीं बनाई गई है। बोर्ड किसने और कैसे लगवाया इसकी जानकारी कराई जा रही है। रोहित खन्ना, अधिशासी अभियंता जोन एक, एलडीए
चौराहे पर इस तरह का बोर्ड लगाना पूरी तरह से अवैध है, स्कूल को नोटिस भेजा जा रहा है। जिसके बाद बोर्ड हटवाया जाएगा। नरेन्द्र वर्मा, टीएस, नगर निगम
शहीदों के सम्मान से खिलवाड़ किसी कीमत पर नहीं होना चाहिए। एलडीए के अफसर, बाबू भ्रष्टाचार के साथ ही नेताओं को मैनेज करने के लिए प्रसिद्ध हैं। सत्येंद्र सिंह यादव के घर में बैंक खोलने का भी हम लोगों ने विरोध किया था। अब देखना यह है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ नारा देकर सत्ता में आई योगी सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करती है या फिर वह भी इनके सामने घुटने टेक देती है। वैभव महेश्वरी, प्रदेश प्रवक्ता, आप