आरयू ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई से बचने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर, अफसर लाख खुद को बदलने का दिखावा करें, लेकिन सच्चाई यह है कि वह अभी तक सुधरे नहीं है। यही वजह है कि दस दिन पहले जनेश्वर मिश्र (जेएम) पार्क में सुरेश पासी के निरीक्षण करने के बाद भी पार्किंग से कई मोटरसाइकिलें चोरी हो गई, जबकि जनता के बहाए गए चार सौ करोड़ रुपए की हकीकत जानने पार्क पहुंचे सुरेश पासी ने पार्किंग से वाहन चोरी होने की जानकारी पर एलडीए के इंजीनियर, अफसरों को बुरी तरह से बेईज्जत किया था।
फ्रेश होने आते हैं, कलपते हुए जाते है लोग
जनेश्वर मिश्र पार्क की खूबसूरती और सुविधाओं के चलते राजधानी के साथ ही आसपास के जिलों के लोग भी बड़ी संख्या में पार्क में सुकून के पल गुजारने आते हैं, लेकिन एलडीए की लापरवाही और चोरों की कारस्तानी के चलते अकसर ही वाहन मालिक कलपते हुए लौटते हैं।
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पार्क के सूत्र बताते हैं कि हर महीने 12 से 15 बाइक और एक से दो चार पहिया वाहन पार्क के बाहर से चोरी हो जाते हैं। चोर अधिकतर एक से दो महीने पुराने वाहनों को ही अपना निशाना बनाते हैं। यह सिलसिला 2013 से लगातार चल रहा है।
बगल में बैठते हैं पार्क को संवारने का दावा करने वाले इंजीनियर
वाहन जहां से चोरी होते हैं उसके पास में ही पार्क का काम देखने के साथ ही पूर्व वीसी सत्येंद्र सिंह यादव के बेहद खास माने जाने वाले अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार तिवारी समेत अन्य इंजीनियरों का कार्यालय भी है। सूत्र बताते हैं कि चोरी होने के बाद अकसर वाहन मालिक पार्क में मौजूद इंजीनियर से भी शिकायत करते हैं, उसके बाद भी उनकी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जबकि उनको पार्क की कमियों को ही दूर करने के लिए वहां बैठाया गया है।
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सिंगापुर से लौटे अफसरों ने कहा था पार्किंग में लगेगा सीसीटीवी कैमरा
बताते चलें कि अखिलेश यादव का ड्रीम प्रॉजेक्ट जेएम पार्क को संवारने के नाम पर पूर्व वीसी सत्येंद्र सिंह यादव, चीफ इंजीनियर ओपी मिश्रा, एक्सईएन एके सिंह समेत अन्य लोगों ने लाखों रुपए खर्च कर दिसंबर 2015 में सिंगापुर तक की सैर कर डाली थी।
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लौटने के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर अपने विदेशी टूर का गुणगान भी किया और पार्किंग से वाहन चोरी के सवाल पर चीफ इंजीनियर और पूर्व वीसी ने दावा किया था कि जल्द ही वाहनों की सुरक्षा के लिए पार्किंग में सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे, लेकिन 16 महीने बीतने के बाद भी आज तक वाहनों की सुरक्षा के लिहाज से कोई इंताजाम नहीं किया गया।
बेशर्मी से लगाया बोर्ड, फिर बैठ गए खामोश
वाहन चोरी का मामला कई बार मीडिया में उछलने के बाद भी एलडीए के बेशर्म इंजीनियरों ने पार्किंग में टिकट समेत सुरक्षा के व्यापक प्रबंध नहीं किए। हालांकि काफी किरकिरी होने पर करीब डेढ़ साल पहले पार्किंग में ‘अपने वाहन की सुरक्षा स्वंय करें’ का बोर्ड लगवाकर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।
साल भर पहले CCTV सिस्टम के लिए शासन से स्वीकृत कराए थे 20 करोड़
बताते चलें कि पार्क में सीसीटीव सिस्टम लगाने के लिए पिछले साल एलडीए ने 25 करोड़ रुपए की मांग की थी। 30 मार्च 2016 को शासन ने करीब 20 करोड़ की धनराशी स्वीकृत भी कर दी थी, लेकिन लापरवाही के चलते एलडीए ने पार्किंग को आज तक चोरों के भरोसे छोड़ रखा है।
ये है हाल के दिनों में पार्क के पास से हुए वाहन चोरी के कुछ मामले-
20 अप्रैल बस्ती निवासी अभिषेक कुमार की पल्सर।
18 अप्रैल मल्लहौर के जय किशन सिंह यादव की बुलेट।
09 अप्रैल मडि़यांव के अशीष यादव की अपाचे।
05 अप्रैल इस्माईलगंज के भानु भक्त की होण्डा बाइक।
02 अप्रैल खरगापुर के सर्वेन्द्र विक्रम सिंह की पैशन प्रो।
02 अप्रैल विनय खण्ड के विनय शुक्ला की सैन्ट्रो कार।
23 मार्च विजय खण्ड निवासी तौकीर की पल्सर।
21 मार्च कुशीनगर निवसी धर्मेन्द्र कुमार की बोलेरो।
19 मार्च अभिलाष मिश्रा की पल्सर।
28 फरवरी जानकीपुरम के अलाउद्दीन की होण्डा स्कूटर।
25 फरवरी आलमबाग निवासी ईशान जौहरी की पल्सर।
21 फरवरी धर्मेंद्रा कश्यप की अपाचे।
14 फरवरी उजरियाव के जिशान सिद्दीकी की पल्सर।
14 फरवरी मानकनगर निवासी माही भारती की एक्टिवा।
12 फरवरी सरोजनीनगर निवासी सुधीर कुमार सिंह की पल्सर।
11 फरवरी गढ़ी कनौरा निवासी अहमद रसूल की बुलेट।
11 फरवरी बाराबंकी के हैदरगढ़ निवासी आशीष कुमार की बुलेट।
इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। सीसीटीव क्यों नहीं लगवाए गए इसका पता लगवाते हैं। साथ ही वाहन चोरी रोकने के लिए पार्किंग को प्राइवेट लोगों को दिया जाएगा। एलडीए सचिव अरुण कुमार
पार्क के आसापास हजारों गाडि़यां खड़ी होती है। बिना टिकट व्यवस्था के वाहन मालिक को चिन्हित करना मुश्किल होता है। चोरों की समय-समय पर गिरफ्तारी भी की जाती है। इसके अलावा एलडीए से भी पार्किंग में टिकट और सीसीटीवी की व्यवस्था करने के लिए कई बार कहा जा चुका है। एसपी नार्थ, विजय ढुल