पत्‍नी के साथ पकड़ा गया करोड़ों की ठगी करने वाला रिटायर्ड जिला शोध अधिकारी

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बुजुर्ग बंटी-बबली को मीडिया के सामने पेश कर उनकी कारस्तानी की जानकारी देते एसपी सर्वेश मिश्रा।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। मेडिकल कॉलेज और पीजी कोर्स के लिए अन्‍य जगह पर एडमीशन दिलाने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए ठगने वाले रिटायर्ड जिला शोध अधिकारी और उसकी पत्‍नी को आज हजरतगंज और साइबर सेल की पुलिस ने संयुक्‍त रूप से कार्रवाई करते हुए हरियाणा के फरीदाबाद से धर दबोचा।

प्रवेश के नाम पर फ्रॉड करने वाला लोगों को अर्दब में लेने के लिए खुद को सीएमओ बताता था। उससे मिलने वाले ज्‍यादतर लोग उसे सीएमओ ही समझते थे। शुरूआत में पुलिस भी उसे सीएमओ समझ रही थी। हालांकि बाद में मामला खुला।

पकड़ा गया रिटायर्ड जिला शोध अधिकारी डा. अशोक कुमार श्रीवास्‍तव 31 अक्‍टूबर 2015 को हरदोई जिले के सीएमओ कार्यालय से रिटायर्ड हुआ था। एसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा ने दंपत्ति को मीडिया के सामने पेश करते हुए बताया कि अशोक कुमार ने पत्‍नी सरोज श्रीवास्‍तव के साथ मिलकर 2012 हजरतगंज स्थित टीएस टॉवर में प्रज्ञा आईएएस के नाम से संस्‍था खोली थी जिसकी निदेशक सरोज थी।

संस्‍था में आईएएस, पीसीएस, एसएससी, आईआईटी, पीएमटी, बैंक, पीओ आदि के प्रवेश परीक्षा की तैयारी की बात कही गई थी। बाद में मैनेजमेंट कोटे में एमबीबीएस व पीजी कोर्स में दाखिला कराने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए वसूल लिए गए। कुछ लोगों को फर्जी प्रवेश पत्र भी नटवरलाल दंपत्ति ने सौंप दिए। फिर मौका देखकर संस्‍था बंदकर भाग निकले।

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ठगी का पता चलने पर शिव विहार कॉलोनी निवासी बृजनाथ राम ने 32 लाख 50 हजार रुपए, अंबेडकरनगर के कृपाशंकर पांडेय ने 20 लाख रुपए, सीतापुर रोड मडि़यांव निवासी रानी शर्मा ने 11 लाख रुपए दंपत्ति द्वारा ठगे जाने का आरोप लगाते हुए हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने दोनों के इंदिरानगर स्थित आवास पर दबिश दी लेकिन वहां नहीं मिलने पर पुलिस ने साइबर सेल की सहायता से ठगी करने वाले दंपत्ति को फरीदाबाद से धर दबोचा।

अब तक 50 लोगों के बारे में चल चुका है पता

एसपी पूर्वी ने बताया कि ठग दंपत्ति का शिकार होने वालों की लंबी लिस्‍ट है। फिलहाल 50 पीडि़तों के बारे में जानकारी मिली है। जिनसे प्रवेश के नाम पर पांच लाख से लेकर साढ़े 32 लाख तक ठगने की बात सामने आई है। यह लोग लखनऊ के साथ ही महाराष्‍ट्र, अहमदाबाद, दिल्‍ली व बंगलुरू के रहने वाले बताए जाते हैं। मामला मीडिया में आने के साथ ही दोनों के पकड़े जाने पर पीडि़तों की संख्‍या में बढ़ोतरी होना तय माना जा रहा है।

एनआरएचएम में भी लगा था एक करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप

उल्‍लेखनीय है कि अशोक कुमार पर यह पहली बार मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है। एसपी पूर्वी ने बताया कि जालसाज पर एनआरएचएम में एक करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा था। जिसके संबंध में मोहनलालगंज थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया गया था।

बुजुर्ग बंटी-बब्‍ली को गिरफ्तार करने वालों में एसआई राजू सिंह, विजयवीर सिंह, कांस्‍टेबल फिरोज बदर, अखिलेश सिंह, शरीफ और दीप शिखा वर्मा का योगदान रहा।