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आरयू फॉलोअप,
लखनऊ। योगी सरकार के आने और उसके दावों के बाद लोगों ने सोचा था सरकारी कामों में पारदर्शिता आएगी, हालात बदल जाएंगे, लेकिन राजधानी के केजीएमयू की मॉच्युरी का हाल देखकर यहीं लगता है कि हालात बदलने की जगह बिगड़ चुके हैं।
चार दिन पहले ‘राजधानी अपडेट’ के मॉच्युरी में शव सड़ाए जाने के साथ ही वसूली की बात का खुलासा करने के बाद भी शुक्रवार तक जिम्मेदारों ने फ्रिजर ठीक कराना और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर मॉच्युरी में प्रवेश पर ही लोगों के प्रतिबंध के लिए जगह-जगह चेतावनी नोट लिखवा डाले।
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बिना आज्ञा के प्रवेश वर्जित की बात जहां सीएमओ की ओर से लिखवाई गई है, वहीं सीएमएस की ओर से शव विच्छेदन कक्ष में प्रवेश करने वाले के खिलाफ कार्रवाई तक करने की धमकी भरा संदेश दीवार पर लिखवा दिया गया है।
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इन परिस्थितियों को देखकर तो एक बात साफ है कि हर रोज आने वाले तीन-चार लावारिस लाशों को बचाने की जगह गलती करने के बाद भी जिम्मेदारों को खुद और अपने चहेतों को बचाने में दिमाग खपाना खूब आता है।
घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि आज भी किसी मां का बेटा, किसी पत्नी का सुहाग तो किसी के भाई की लाश भीषण गर्मी के बीच मॉच्युरी में खराब हो रही है।
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अब देखना यह है कि मानवता को छलनी कर देने वाली यह शर्मनाक गलती का एहसास जिम्मेदारों को कब होता है, और सात महीने से इंसान की लाश को कूड़े से भी बदत्तर तरीके से सड़ाने के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब होती है।
पोस्टमॉर्टम हाउस में लगेंगे सीसीटीवी कैमरें
विकलांग भिखारी तक की लाश से वसूली की बात पर भले ही केजीएमयू प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन अब उसने वसूली पर लगाम कसने के लिए पोस्टमॉर्टम हाउस में सीसीटीवी कैमरें लगवाने का दावा जरूर किया है। फॉरेंसिक विभाग के हेड डा. अनूप वर्मा ने बताया कि मॉच्युरी में कम से कम चार सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे कि वसूली करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखी जा सके।
क्या कहते है जिम्मेदार
सीएमओ जीएस वाजपेयी ने दावा किया है कि मॉच्युरी के फ्रिजर की जिम्मेदारी उनकी नहीं है, इसके लिए केजीएमयू के वीसी समेत शासन तक को लिखा जा चुका है। रही बात प्रवेश वर्जित की चेतवानी लिखवाने की तो वह मैने नहीं लिखवाई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हर किसी को मॉच्युरी में जाने की इजाजत नहीं होती है, लेकिन वह इस सवाल पर चुप्पी साध गए कि वसूली और मॉच्युरी में सात महीने से लाश सड़ने की बात सामने आने के बाद ही यह नियम उन्हें क्यों याद आया।
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वहीं दूसरी ओर केजीएमयू के सीएमएस एसएन शंखवार ने बताया कि जानकारी मिली है कि हमेशा से ही फ्रिजर सीएमओ के स्तर से बनता था। अब अगर उन्होंने इंकार कर दिया है तो केजीएमयू प्रशासन जल्द से जल्द फ्रिजर ठीक करा देगा। मॉच्युरी में प्रवेश को लेकर चेतवानी की बात लिखवाने को लेकर सीएमएस ने भी इंकार कर दिया।
दोनों अधिकारियों के जवाब को सच मान लिया जाए तो अब इस आशंका को और भी बल मिलता है कि मॉच्युरी में कुछ बड़े स्तर की गड़बड़ी की जा रही है। जिसे बचाने के लिए अधिकारियों के नाम को भी मॉच्युरी के कर्मचारी अपने मतलब के हिसाब से इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे हैं।