आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले अभिषेक गुप्ता को पुलिस हिरासत में लिए जाने के बाद राजनीति तेज हो गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को बेहद दुखद बताते हुए योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर हमला बोला है।
शुक्रवार को अखिलेश यादव ने प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की मांग उठाते हुए मीडिया से कहा कि भाजपा सरकार के सबसे बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगना बहुत बड़ी बात है। इसके बावजूद जिसने शिकायत की सरकार उसे ही जेल भेज रही है, जबकि सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच कराने के बाद एक्शन लेना चाहिए था।
सपा सुप्रीमो ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों ही अपराध है। घूस प्रकरण में सरकार को सीबीआइ से निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि अब तो भाजपा के विधायक भी अपनी सरकार में भ्रष्टाचार से परेशान होकर आवाज उठा रहें हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में टॉयलेट योजना में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। इसकी भी जांच करायी जानी चाहिए।
कैसे मिल जाएं बंगला
इस दौरान अखिलेश ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा खाली किए गए आलीशान बंगलों का भी जिक्र किया। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार के मंत्री और नेताओं को जनता के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं है, इनकी निगाह तो बंगले पर है कि कैसे जल्द से जल्द पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले इन्हें मिल जाए।
मरीजों की मौत को बताया दर्दनाक
कानपुर के हैलेट अस्पताल में एसी फेल होने के चलते पांच मरीजों की मौत होने की घटना का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि ये काफी दर्दनाक घटना है। योगी सरकार के दो और मोदी सरकार के तीन बजट जारी होने के बाद भी भाजपा सरकार कोई सुधार नहीं कर पा रही है। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। दवा और मशीनें नहीं है, जिसके चलते मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है और वो दम तोड़ रहें हैं, जबकि उनकी सरकार के समय ऐसे हालात नहीं थे, कभी दवा की भी कमी नहीं हुई।