आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल पर 25 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप लगाने वाले इंदिरानगर निवासी अभिषेक गुप्ता को पुलिस ने शुक्रवार की पूर्वान्ह हिरासत में ले लिया। रात में अभिषेक के नाना ओमप्रकाश की ओर से दिए गए माफीनामे के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
वहीं भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप की गंभीरता और राज्यपाल के पत्र को देखते हुए मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की सुबह मुख्य सचिव राजीव कुमार को मामले के तथ्यों की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। रात में पेश की गयी रिपोर्ट में एसपी गोयल के फाइल निरस्त करने को भी सही बताया गया।
न्याय के लिए सीएम आवास पहुंचें परिजन
इससे पहले अभिषेक को हिरासत में लिए जाने के बाद उसके परिजन सीएम आवास पहुंचें। घरवालों का कहना था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके अभिषेक को ही फंसाया जा रहा है। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय चाहिए। इंदिरानगर निवासी अभिषेक की बहन अल्पना मेहरोत्रा और नाना ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि हम मामले की निष्पक्ष जांच चाहते हैं।
एसएसपी ने कहा, अभिषेक को पूछताछ के लिए लायी पुलिस
दिन में एसएसपी दीपक कुमार ने अभिषेक गुप्ता पर मुकदमा और उनकी गिरफ्तारी के संबंध में बताया कि गुरुवार की रात भाजपा के प्रदेश मुख्यायल के प्रभारी भारत दीक्षित ने तहरीर देकर कहा था कि अभिषेक गुप्ता द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का नाम लेकर सीएम कार्यालय के लोगों को अर्दब में लेने के साथ ही झूठ बोलकर उनसे काम कराने के लिए दबाव बनाया जाता है।
जिसके बाद अभिषेक पर धारा 419, 420 और 500 के तहत हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी मुकदमें के संबंध में पूछताछ के लिए शुक्रवार को पूर्वान्ह 11 बजे अभिषेक को पुलिस लायी है।
ये था मामला
बताते चलें कि इंदिरानगर निविासी अभिषेक गुप्ता ने राज्यपाल रामनाईक को ईमेल के जरिए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर आरोप लगाया था कि वह हरदोई में उनके पेट्रोल पंप खुलने के मामले की फाइल पर साइन करने के लिए 25 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहें हैं। जिसके बाद राज्यपाल ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया था। राज्यपाल का यहीं पत्र गुरुवार को सोशल मीडिया वॉयरल हो गया जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।
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राज्यपाल के इसी पत्र के सोशल मीडिया पर वॉयरल होने के बाद सामने आया मामला-