आरयू वेब टीम।
भाजपा सरकार के खिलाफ देशभर में तेजी से एक होती विपक्षी पार्टियों को जहां भाजपा ठगबंधन और अवसरवाद की राजनीत बता रही है, तो आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस जनता की भावना से जोड़ा है।
मंगलवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर मुंबई पहुंचे राहुल गांधी ने बुधवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेसवार्ता में कहा कि दलों के एक होने की भावना ना केवल भाजपा विरोधी राजनीतिक दलों बल्कि जनता भी चाहती है कि महागठबंधन बने जो भाजपा, आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सके।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने हमला जारी रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा देश के संविधान और संस्थानों पर हमले कर रही है। अब लोगों के सामने यह सवाल है कि इसे कैसे रोका जाए। राहुल ने कहा कि ये लोग अपने मतलब की बात कर रहें हैं, जनता से इन्हें कोई सरोकार नहीं।
तर्क देते हुए राहुल आगे बोले कि यही वजह है कि विपक्ष प्रधानमंत्री से पेट्रोल और डीजल के दामों को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने के लिए कह रहा, लेकिन उनकी इसमें रुचि नहीं है। जबकि संप्रग सरकार के शासनकाल में कच्चे तेल का दाम प्रति बैरल 130 डॉलर था जो अब गिरकर प्रति बैरल 70 डॉलर पर आ गया है।
इतनी बड़ी गिरावट के बाद भी लंबे समय से इसका फायदा आम जनता को नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह रुपया कहां जाता है? 15 से 20 अमीर लोगों की जेबों में।
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इस दौरान राहुल गांधी ने नोटबंदी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसके जरिए मुंबई पर भी हमला किया गया। यहां छोटे उद्योग, कारोबारी हैं। यहां चमड़ा उद्योग और कपड़ा उद्योग है। इन पर गब्बर सिंह टैक्स (राहुल जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स मानते हैं) के जरिए हमला किया गया। पूरा देश दुखी है। छोटे उद्यमी दुखी हैं और हम उनके लिए लड़ रहे हैं।