आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने एक विवादित बयान दिया है। सोज ने अपने बयान में कहा है कि हम पाकिस्तान से विलय नहीं चाहते पर हमें आजादी चाहिए। सोज ने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका निजी बयान है और इससे पार्टी को कोई लेनादेना नहीं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को हुर्रियत और अलगाववादियों से बात करनी चाहिए।
उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब राज्यपाल एनएन वोहरा ने जम्मू और कश्मीर को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्र में यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके सोज ने कहा कि केंद्र की बाहुबल की नीति जम्मू-कश्मीर में काम नहीं करेगी, क्योंकि इसमें चार आतंकवादी मारे जाते हैं तो 20 नागरिक भी मारे जाते हैं।
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उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से यह कहना चाहते हैं कि कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी है। कश्मीर न भारत के साथ रहना चाहता है और न ही वहां के लोग चाहते हैं कि इसका पाकिस्तान में विलय हो। कांग्रेस नेता ने कहा कि कश्मीर में शांति का माहौल जरूरी है, ताकि यहां के लोग चैन से रह सकें।
इससे पहले की लोग उनके इस बयान को कांग्रेस पार्टी से जोड़ कर देखते उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि वे निजी स्तर पर यह बात कह रहे हैं और इसका कांग्रेस से लेना-देना नहीं है। सैफुद्दीन सोज ने कश्मीर के इतिहास व वर्तमान से जुडी एक किताब लिखी है, जिसका जल्द विमोचन किया जाएगा।
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कश्मीर पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के एक विचार का समर्थन करने को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज ने अपनी पुस्तक ‘कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ में परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोटिंग की स्थितियां होती हैं तो कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने की अपेक्षा अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे।