आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू किए जाने के कुछ दिनों बाद सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि सेना घाटी में लोगों के प्रति दोस्ताना व्यवहार रखते हुए काम कर रही है।
उन्होंने नई दिल्ली में शुक्रवार को कहा कि हमारा मूल उद्देश्य घाटी में हिंसा और गड़बड़ी पैदा करने वाले आतंकवादियों के पीछे पड़ना है। हमारा उद्देश्य ऐसे नागरिकों को परेशान करना नहीं है जो आगजनी या हिंसा में शामिल नहीं होते हैं।
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मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि राज्य में सरकार गिरने के बाद क्या घाटी में सुरक्षा बढ़ाई गई है, तो जनरल रावत ने कहा सुरक्षा बढ़ाने जैसा कुछ भी नहीं है। सेना लोगों के प्रति दोस्ताना व्यवहार रखते हुए काम करती है।
बताते चलें कि भाजपा के अपने गठबंधन साझेदार पीडीपी से समर्थन वापस लिए जाने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद गत 20 जून को जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाया गया था। पिछले एक दशक में राज्य में चौथी बार राज्यपाल शासन लगाया गया है।