आरयू वेब टीम।
जम्मू-कश्मीर में विचारों को लेकर उतार-चढ़ाव पर चल रहा भाजपा और पीडीपी का संबंध आज टूट गया। इससे पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर सरकार में शामिल भाजपा के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं के साथ नयी दिल्ली में बैठक की।
जिसके बाद जम्मू कश्मीर में गठबंधन से भाजपा ने खुद को अगल करने का ऐलान कर दिया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि हमने पार्टी के सभी सदस्यों के सहमती से यह फैसला लेने के साथ ही इस संबंध में राज्यपाल को इस संबंध में पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है। वहीं मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
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बीजेपी सचिव ने भाजपा और पीडीपी के रिश्तों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती ने हमें हमेशा हशिए पर रखा। जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार में बने रहना भाजपा के लिए मुश्किल हो गया था। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही थी, लेकिन वह स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रही।
कश्मीर पर बात करते हुए राम माधव ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए और राज्य में मौजूदा स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हमने फैसला किया कि राज्य में शासन की बागडोर राज्यपाल को सौंपी जाए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा करते हुए कहा कि फिलहाल घाटी की स्थिति बहुत खराब है। कट्टरता और आतंकवाद बढ़ गया है। इसके अलावा भी केंद्र सरकार ने महबूबा सरकार को हर तरह से मदद दी पर राज्य सरकार से हमें कोई सहयोग नही मिला।
अब किसी का नहीं चाहिए समर्थन
वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि हम अब किसी के साथ भी सरकार नहीं बनाने वाले हैं और हमें न तो किसी का भी समर्थन चाहिए। हम सिर्फ और सिर्फ कश्मीर में शांति और सभी लोगों के साथ बातचीत करने का प्रयास करते रहेंगे। हमने चार सालों में धारा 370 के साथ छेड़छाड़ नहीं होने दी।
मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन बनाने में हमें काफी वक्त लगा। हमने बड़े विजन के साथ देश की बड़ी पार्टी बीजेपी के साथ गठबंधन किया था, लेकिन उन्होंने इसे बीच में ही तोड़ दिया गया।