आरयू वेब टीम।
आइआइटी ने विश्व में भारत को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया है और इनकी सफलता ने भारत को तकनीकी श्रम शक्ति के रूप में विश्व का सबसे बड़ा केंद्र बनने में मदद की है। वहीं नवोन्मेष और उद्यमिता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि इन दोनों ने भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की आधारशिला रखी।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय तकनीकी संस्थान- बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे) के 56वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान पीएम मोदी ने 1000 करोड़ की आर्थिक मदद से आईआईटी छात्रों को विज्ञान में सफलता पाने का आश्वासन भी दिया। साथ ही उन्होंने यह भी मोदी ने कहा कि नवोन्मेष 21वीं सदी का सबसे अधिक लोकप्रिय शब्द बन गया है। ‘यदि आप नवोन्मेष नहीं करते हैं तो आप एक ही जगह ठहर जाएंगे।
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ये केवल सरकारी प्रयास नहीं है। नए विचार कैम्पस के युवाओं के दिमाग से आते हैं, सरकारी इमारतों और चमक दमक वाले कार्यालयों से नहीं। पीएम आईआईटी के इतिहास के विषय में बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद, तकनीक के जरिए राष्ट्र निर्माण में योगदान की खातिर इनकी अवधारणा की गयी थी।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी आईआईटी ने भारत को वैश्विक स्तर पर एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया है और उनके छात्र भारत में कुछ बेहतरीन स्टार्टअप के अगुवा हैं। राष्ट्र को आईआईटी और उसके स्नातकों की उपलब्धियों पर गर्व है। आईआईटी की सफलता से देशभर में इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा ‘ये इंजीनियरिंग कालेज आईआईटी से प्रेरित हुए हैं और इससे भारत, विश्व में तकनीकी श्रम शक्ति के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभरा है।