आरयू ब्यूरो
लखनऊ। अपने 61 वें जन्मदिन पर आज बसपा सुप्रीमो मायावती खास रौव में दिखी। इस दौरान उन्होंने विरोधियों पर जमकर हमला बोलने के साथ ही कार्याकर्ताओं से जन्मदिन के तोहफे के रूप में विधानसभा चुनाव में जीत मांगी।
प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों से मुखातिब मायावती ने समाजवादी पार्टी में चल रही खीचतान पर कहा कि अब किसी भी कीमत पर सपा की सरकार नहीं बन सकती, यूपी में जर्जर हाल में चल रही कांग्रेस से गठबंधन के बाद भी उसे कोई फायदा नहीं होने वाला है।
उन्होंने मुस्लिमों की ओर इशारा करते हुए कहा इस सूरत में अगर भाजपा को प्रदेश में आने से रोकना है तो उन्हें बसपा को वोट देना होगा। किसी के बहकावे में आने के बाद अगर वह बंटे तो विधानसभा में यह सीधे तौर पर भाजपा को फायदा पहुंचाएगा।
चुनाव के समय मीडिया मैनेज कर दिखवाई जा रही गड़बडि़यां
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि विधानसभा चुनाव आते ही भाजपा को उसके अंदर तमाम गड़बडि़या दिखाई दे रही है। भाजपा के नेता मीडिया को मैनेज कर पार्टी व उनके परिवार की छवि धूमिल करने की गंदी राजनीत कर रहे है। चुनाव से पहले उनको बसपा में कोई नजर कमी नहीं आई। इन सबसे बसपा को कोई नुकसान नहींं होने वाला है। जब-जब पार्टी के साथ घिनौनी राजनीत की गई है, तब-तब पार्टी उतनी ही मजबूती से खड़ी हुई है।
ईमानदारी का ढोल पीटने वाले भाजपा के नेता अगर ईमानदार होते तो नोटबंदी समेत अपनी संपत्तियों कर पूरा हिसाब जनता के सामने रखते। अच्छे दिनों का झूठा नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी अब बुरे दिन देखने के लिए तैयार हो जाए।
यात्राएं, शिलान्यास और लोकार्पण भी नहीं बना पाए माहौल
मायावती ने सपा, कांग्रेस और भाजपा की यात्राओं पर कहा कि वोटरों को बहकाने के लिए इन सबने तमाम यात्राएं निकाली। भाजपा व सपा के नेता मंत्रियों ने अधिकत्तर फर्जी शिलान्यास और लोकार्पण कर डाले। इसके बाद भी प्रदेश की जनता का रूझान इनकी ओर नहीं गया।
जनता अब हवा-हवाई बहकावों में नहीं आने वाली है। एक बार फिर उन्होंने कहा कि सपा गुडों और मफियाओं की पार्टी उसके समय में पूरे प्रदेश में जंगलराज मचा है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। यह जातिवादी और परिवारवादी पार्टी तक ही सीमित है।
मायावती ने खुद लिखी किताब का किया विमोचन
अपने जन्मदिन के खास मौके पर आज मायावती ने खुद लिखी अपनी किताब ‘मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ समेत उसके अंग्रजी संस्करण का भी विमोचन किया। इस किताब में मायावती के जीवन कुछ संघर्ष भरी दास्तानों के साथ ही पार्टी के संबंध में भी काफी कुछ लिखा गया है।