आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के बेटे अभिजीत यादव उर्फ विवेक (22) की हत्या उसकी मां मीरा देवी ने अकेले नहीं की थी। हत्या में उसके घर में काम करने वाला नौकर सर्वेश कुमार भी भागीदार था। घटना के करीब तीन हफ्ते बाद पुलिस के हत्थे चढ़ें सर्वेश ने आज इस बात का खुलासा करते हुए अपना जुर्म पुलिस के सामने कबूल कर लिया है।
इस बात की जानकारी देते हुए इंस्पेक्टर हजरतगंज राधा रमण सिंह ने बताया कि 20 अक्टूबर की देर रात दारुलशफा विधायक निवास में हुई विवेक की हत्या के बाद मामले की जांच करने के साथ ही पुलिस ने मीरा देवी को बेटे की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन घर में काम करने वाला नौकर सर्वेश कुमार फरार चल रहा था।
विवेक का पकड़ा पैर, गला भी कसा
आज मुखबिर की सूचना पर उन्होंने अपनी टीम के साथ घेराबंदी का सर्वेश को 1090 चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सर्वेश ने बताया है कि हत्या वाली रात विवेक शराब के नशे में मां मीरा देवी को अपशब्द कहने के साथ ही उनके साथ मारपीट कर रहा था। इस दौरान सिर में चोट लगने के चलते विवेक बेहोश हो गया तो मीरा देवी ने दुपट्टे से उसका गला कस दिया। इस दौरान वो विवेक का पैर पकड़े था। मीरा देवी के गला कसने के बाद उसने भी विवेक का गला कसा था। विवेक की मौत के बाद वो वहां से भाग निकला था।
कुछ महीने पहले नौकरी पर आए सर्वेश ने क्यों दिया हत्या जैसे संगीन अपराध में साथ, पुलिस के पास जवाब नहीं
मूल रूप से बाराबंकी जिले के जहांगीराबाद निवासी 28 वर्षीय सर्वेश ने इसी साल 15 मई को मीरा देवी के यहां नौकरी शुरू की थी। मात्र छह महीने नौकरी करने के बाद ही सर्वेश हत्या जैसे संगीन अपराध में शामिल क्यों हो गया, इसका जवाब पुलिस नहीं दे पा रही है। इंस्पेक्टर हजरतगंज का कहना है कि अब तक की पूछताछ में हत्या के बाद पैसा मिलने की बात भी सर्वेश ने नहीं कबूली है। उसने हत्या में शामिल होना किन परिस्थितियों में स्वीकार किया, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
वहीं पुलिस ये भी दावा कर रही थी कि हत्या में मृतक के बड़े भाई अभिषेक यादव की कोई भूमिका नहीं है, हालांकि हत्या के बाद अभिषेक ने भाई की मौत को स्वाभाविक बताकर न सिर्फ पुलिस बल्कि मीडिया को भी घंटों हलकान किया था। मॉच्युरी में भी वो पुलिस के अधिकारियों से भाई की मौत को स्वाभाविक बताकर पोस्टमॉर्टम नहीं कराने की जिद पर अड़ा था, हालांकि मीडिया में मामला उछलने के बाद पुलिस भी शव का बिना पीएम कराए नहीं रह सकी थी। इंस्पेक्टर हजरतगंज का कहना है कि भाई की भूमिका के बारे में पड़ताल की जा रही है। दूसरी ओर मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी अब भी इस बारे में कुछ कहने से बचते नजर आ रहे हैं।