आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। रेप और हत्या के बाद पीड़ित को जाति के आधार पर मिलने वाला मुआवजा बंद होना चाहिए और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि किसी भी पीड़ित परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए। हम इसका विरोध करते हैं।
उक्त बातें दलगत राजनीति की शुरुआत करने वाले विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शुक्रवार को लखनऊ के रमाबाई मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित कर कही। रैली को संबोधित करते हुए राजा भैया ने कहा कि 25 साल विधानसभा में पूरे होने पर सर्वे कराया गया। इसमें 20 लाख लोगों ने भाग लिया और 80 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने नए दल के गठन के लिए रजामंदी दी।
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अब पार्टी के नाम के लिए चुनाव आयोग में प्रक्रिया चल रही है। जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी या जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी में से कोई नाम मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी मजदूर, किसान और जवान के लिए संकल्पित है। साथ ही सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए भी हम काम करेंगे। हमारी पार्टी का एजेंडा है कि सेना और अर्धसैनिक बल के जवानों के सीमा पर शहीद होने पर एक करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाए।
भीड़ के सामने उन्होंने अपनी पार्टी का नजरिया स्पष्ट करते हुए कहा कि एससी-एसटी के दुरुपयोग, आरक्षण व्यवस्था की विसंगतियां, किसानों, युवकों व बेरोजगारी जैसे आमजन व समाज को प्रभावित करने वाले बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिसे राजनीतिक दलों ने दूरी बना रखी है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी लोगों को जाति में बांटने के बजाए समानता की लड़ाई लड़ेगी।
इस दौरान उन्होंने सपा का साथ छोड़ने का कारण बताते हुए कहा कि सपा-बसपा में गठबंधन के बाद राज्यसभा चुनाव में अखिलेश का साथ छोड़ दिया और बीजेपी समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में वोट देकर समीकरण बिगाड़ दिया।
बता दें कि राजा भैया के इस पैतरे के बाद लोग कयास लगने लगे थे कि राजा भैया जल्द ही योगी सरकार में मंत्री बने नजर आएंगे, लेकिन उन्होंने एक बार फिर अलग दांव चलकर समर्थकों से विचार विमर्श कर अलग राजनीतिक दल बनाकर मैदान में कूदने की घोषणा की दी।
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