आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे-वैसे तमाम राजनीतिक दिग्गज अपनी पार्टी का ऐलान कर चुनाव में ताल ठोकने के मूड में नजर आ रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव के पार्टी बनाने के बाद अब यूपी की सियासत में निर्दलीय विधायक वाले चेहरे के तौर पर पहचाने जाने वाले राजा भैया ने नई पार्टी के गठन का शुक्रवार को ऐलान कर दिया है। लखनऊ में आज एक प्रेसवार्ता कर प्रतापगढ़ के कुंडा से निर्दलीय विधायक ने साफ तौर पर सवर्णों के मुद्दों को जोर-शोर से उठाने की बात कही है। साथ ही एससीएसटी एक्ट और आरक्षण के वर्तमान स्वारूप के खिलाफ भी वो हल्ला बोलेंगे।
राजा भैया ने कहा कि बदलते राजनीतिक माहौल में बदलाव जरूरी है। आम लोगों से चर्चा के बाद पार्टी के गठन का फैसला लिया गया है। एससीएसटी एक्ट और आरक्षण की बात करते हुए राजा भैया ने कहा कि तमाम ऐसे ज्वलंत मुद्दे है, जिसके बारे में सदन के भीतर या बाहर कोई भी पार्टी बोलने को तैयार नहीं है। जबकि एससीएसटी एक्ट राजीव गांधी के समय बना था। कालांतर में इसमें तमाम जटिलताएं भी आती गई। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संसद में इसमें बदलाव भी किया गया। इसे लेकर आम लोगों में बहुत परेशानी और डर है।
एससी-एसटी एक्ट के तहत सवर्णों के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। हम चाहते हैं कि मामले में पहले विवेचना हो फिर गिरफ्तारी हो। एक्ट के दुरूपयोग की ओर इशारा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि संविधान में सबको बराबरी का अधिकार दिया गया है। इसलिए किसी भी कानून से किसी को परेशान नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बलात्कार के केस में जब एससी एसटी है तो उसे मुआवजा दिया जाता है, लेकिन अन्य वर्गों को ऐसा नहीं। यह विभेद क्यों बलात्कार-हत्या जैसे जघन्य अपराध है और इसमें हर वर्ग को एक समान अनुदान मुआवजा दिया जाना चाहिए। हम इसे खत्म करने की बात नहीं करते, बल्कि सभी बिरादरीयों के लिए लागू करने की बात करते हैं।
राजा भैया ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इससे योग्यता हतोत्साहित होगी। जाति के आधार पर प्रोन्नत किया जाना किसी भी तरह से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि परिवार की कलह को बचाना है तो बराबरी में बंटवारा होना चाहिए अगर कोई पिता अपने दो बेटों में संपत्ति बराबर-बराबर नहीं देगा तो बच्चे जीवन भर मुकदमा लड़ते रहेंगे। लोकसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति पर उन्होंने कहा कि अभी पार्टी गठन की प्रक्रिया चल रही है जैसे ही पार्टी एक बार बन जाएगी हम अपने कार्य समिति में इन संबंधी मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
राजनीति में किसी दूसरे दल के साथ गठबंधन के सवाल पर उनका कहना था कि जो भी दल हमारे मुद्दों से सहमत हैं हम उनके साथ या वह हमारे साथ जुड़ सकते हैं। आरक्षण को खत्म करने जैसे मुद्दे पर उन्होंने कहा कि खत्म करने की बात नहीं की जा रही है बल्कि एक वर्ग में ही जो आरक्षण पा चुके हैं उन्हें आरक्षण की जरूरत नहीं है उसी वर्ग के अन्य लोगों को आरक्षण की सुविधा मिले। एक आइएएस या एक नेता का बेटा आरक्षण केे लाभ से अच्छी शिक्षा लेकर विदेश में सेटल है या हायर एजुकेशन में पढ़ाई कर रहा है उसके अगले वंश को आरक्षण की जरूरत नहीं है अन्य जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ दिया जाना चाहिए।
अपनी नई पार्टी के नाम पर उनहोंने कहा कि चुनाव आयोग में जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी, जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी के लिए कहा गया है। आशा है कि इन्हीं तीनों में से एक नाम उस दल का होगा। झंडा भी फाइनल कर दिया गया है। जो दो रंग में होगा, ऊपर पीला नीचे हरा।