एससी-एसटी व पिछड़ा वर्ग आयोग को अखिलेश ने लिखा पत्र, उठाई ये मांगें

कुशासन त्रस्त

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। नियुक्तियों में आरक्षण के मुद्दे को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्‍यक्ष को पत्र लिखकर संविधान प्रदत्त आरक्षण के प्रावधानों को लोकहित में प्रभावी बनाने का आग्रह किया है।

ये जानकारी बुधवार को अखिलेश यादव ने मीडिया को देते हुए कहा कि संविधान के संकल्प (प्रीम्बल) में जिस सामाजिक न्याय को जनता तक पहुंचाने के लिए संवैधानिक प्रतिबद्धता का संकल्प लिया गया था, उसका पालन होना चाहिए। अखिलेश यादव ने मांग करते हुए कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित में गंभीरतापूर्वक पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा एवं नियुक्तियों में आरक्षण की पुरानी व्यवस्था बरकरार रखने के साथ ही रोस्टर प्रणाली से नियुक्तियां रद्द की जाए।

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वहीं अखिलेश ने ये भी कहा कि पिछड़े वर्ग के लिए शिक्षा एवं नियुक्तियों के लिए प्रतियोगिता/परीक्षा में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। इस प्रावधान के अनुसार यदि कोई प्रतियोगी/परीक्षार्थी इतने अंक प्राप्त कर लेता था, तो उसे आरक्षण की आवश्यकता ही नही पड़ती थी, ऐसे परीक्षार्थी को 27 प्रतिशत आरक्षण की श्रेणी में न रखकर, उसे सामान्य श्रेणी में रखा जाता था, लेकिन नए नियम के अनुसार, यदि कोई परीक्षार्थी/प्रतियोगी, परीक्षा/प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भी प्राप्त कर ले, तब भी उस परीक्षार्थी को 27 प्रतिशत आरक्षण वाली श्रेणी में ही रखा जाता है। इससे पिछड़े वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी नियुक्तियों में, पिछड़े वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। जबकि उन्‍हें वंचित करने के लिए, एक नयी प्रणाली से नियुक्तियां की जा रही है जिसे रोस्टर प्रणाली का नाम दिया गया है। रोस्टर प्रणाली के अनुसार, केवल दो-दो, तीन-तीन पदों पर नियुक्तियां की जा रही है, इतने कम पदों की नियुक्तियों पर आरक्षण लागू नहीं होता। इसलिए रोस्टर प्रणाली द्वारा, नियुक्तियों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अतः रोस्टर प्रणाली द्वारा नियुक्तियों पर रोक लगाकर पहले के नियमों के आधार पर संविधान के तहत नियुक्तियां की जाए।

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